क्या भाकपा ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे और सार्वजनिक जीवन से गायब होने पर चिंता व्यक्त की?

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है।
- भाकपा ने उनकी चुप्पी पर चिंता व्यक्त की है।
- स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उन्होंने सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली है।
- संसद में उनके उत्तराधिकारी का चुनाव प्रक्रिया में है।
- भाकपा ने पारदर्शिता और जवाबदेही का समर्थन किया है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद पी. संदोष कुमार ने आज पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को एक पत्र भेजा है। उन्होंने उनके अचानक इस्तीफे और उसके बाद सार्वजनिक जीवन से गायब होने पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है।
भाकपा सांसद और राज्यसभा में पार्टी के नेता पी. संदोष कुमार ने इस पत्र में याद दिलाया कि एक महीने पहले जब जगदीप धनखड़ ने 'स्वास्थ्य कारणों' का हवाला देकर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के पद से इस्तीफा दिया, तो यह संसद और समस्त देश के लिए एक बड़ा झटका था। हालांकि, सभापति पद पर उनके कार्यकाल के दौरान मतभेद स्वाभाविक थे, लेकिन उन्होंने हमेशा उस पद की गरिमा का सम्मान किया।
पत्र में यह भी कहा गया है कि सबसे बड़ी चिंता का कारण जगदीप धनखड़ का अपने इस्तीफे के बाद से सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब रहना है। उन्होंने प्रेस को संबोधित नहीं किया है, सार्वजनिक रूप से उपस्थित नहीं हुए, और यहां तक कि पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस तरह की चुप्पी ने उनके स्वास्थ्य को लेकर साथी सांसदों और नागरिकों में गहरी चिंता पैदा कर दी है।
पत्र में धनखड़ से आग्रह किया गया है कि वे जल्द से जल्द जवाब दें और संसद तथा जनता को आश्वस्त करें। पी. संदोष कुमार ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है, लेकिन धनखड़ का स्पष्टता और आश्वासन देना उनके अभूतपूर्व इस्तीफे को लेकर जारी अटकलों और अनुत्तरित प्रश्नों को समाप्त करने में मदद करेगा।
भाकपा संसदीय दल जोर देता है कि यह अपील पूर्ण ईमानदारी से धनखड़ द्वारा धारण किए गए उच्च संवैधानिक पद की गरिमा का सम्मान करते हुए और सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और जवाबदेही के हित में की गई है।