क्या भारत 2050 तक 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा? : गौतम अदाणी

Click to start listening
क्या भारत 2050 तक 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा? : गौतम अदाणी

सारांश

गौतम अदाणी ने लखनऊ में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं है, बल्कि एक शक्तिशाली वैश्विक शक्ति है। उन्होंने 2050 तक 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का विश्वास व्यक्त किया। अदाणी ने युवाओं से नौकरी देने वाले बनने की अपील की।

Key Takeaways

  • भारत की वृद्धि में युवा ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • तकनीकी प्रगति और घरेलू मांग आर्थिक विकास को गति देंगी।
  • सरकार की नीतियों के साथ युवाओं की भागीदारी आवश्यक है।
  • भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है।
  • नौकरियाँ देने वाले बनने की आवश्यकता है।

लखनऊ, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने बताया कि भारत अब एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं है, बल्कि एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। युवा ऊर्जा, तकनीकी प्रगति और घरेलू मांग भारत को 2050 तक 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होंगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, 'भारत वही स्थान प्राप्त करेगा, जहाँ कभी पश्चिमी अर्थव्यवस्थाएँ थीं, लेकिन अपनी शर्तों पर।'

प्रमुख उद्योगपति गौतम अदाणी ने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ में छात्रों को संबोधित करते हुए यह आत्मविश्वासपूर्ण घोषणा की। उनका यह भाषण केवल आंकड़ों का प्रक्षेपण नहीं था, बल्कि भारत के भविष्य पर एक आस्था-निर्माण करने वाला दृष्टिकोण भी था, जो युवाओं को प्रेरित करने के साथ राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने की चुनौती भी दे रहा था।

अदाणी ने कहा कि भारत की जनसांख्यिकी, उभरता हुआ तकनीकी परिदृश्य, बढ़ती उपभोक्ता मांग और आत्मनिर्भरता की नीतियाँ मिलकर एक ऐसी आर्थिक नींव तैयार कर रही हैं, जो भविष्य में भारत को इस लक्ष्य की प्राप्ति में सक्षम बनाएंगी।

उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य केवल सरकार की नीतियों का परिणाम नहीं, बल्कि युवाओं की भागीदारी, निजी क्षेत्र की नेतृत्व क्षमता और सामाजिक-सांस्कृतिक समावेशन से ही साकार होगा। अदाणी ने कहा कि भारत अब उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक वैश्विक उत्तर है, जिसकी भूमिका आने वाले दशकों में निर्णायक होगी।

उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे केवल नौकरी की तलाश में न रहें, बल्कि नौकरियाँ देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक यात्रा के केवल यात्री मत बनिये, चालक बनें। यह देश अब सपनों का नहीं, संकल्पों का समय मांग रहा है।

अदाणी ने बताया कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, ऊर्जा सुरक्षा, हरित निवेश और बुनियादी ढांचे में हो रहे तीव्र सुधार आने वाले वर्षों में भारत को उस स्थान तक पहुँचाएंगे जहाँ पश्चिमी अर्थव्यवस्थाएँ कभी थीं।

Point of View

हमें यह मानना चाहिए कि भारत की आर्थिक वृद्धि की दिशा में गौतम अदाणी की दृष्टि एक प्रेरणादायक संदेश है। यह न केवल सरकार की नीतियों का परिणाम है, बल्कि युवाओं की भागीदारी और निजी क्षेत्र की सक्रिय भूमिका भी आवश्यक है। हमें इसे एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत 2050 तक 25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है?
हाँ, गौतम अदाणी के अनुसार, युवा ऊर्जा, तकनीकी प्रगति और घरेलू मांग इसे संभव बना सकती है।
गौतम अदाणी ने छात्रों को क्या संदेश दिया?
उन्होंने छात्रों को नौकरी देने वाले बनने और आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदारी की अपील की।