क्या भारत-अफगानिस्तान की मित्रता से पाकिस्तान बौखलाया है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और अफगानिस्तान की बढ़ती मित्रता पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है।
- आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता महत्वपूर्ण है।
- बिहार विधानसभा चुनाव में तालमेल की आवश्यकता है।
मुंबई, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने भारत और अफगानिस्तान के बीच बढ़ती मित्रता को लेकर पाकिस्तान पर तीखा प्रहार किया है।
उन्होंने कहा कि भारत के मित्र देशों, विशेषकर अफगानिस्तान के प्रति पाकिस्तान की हमेशा से नफरत रही है। आतंकवाद का गढ़ बन चुके पाकिस्तान की असफल कोशिशें अब पूरी दुनिया के सामने उजागर हो रही हैं।
आनंद दुबे ने स्पष्ट किया कि भारत-अफगानिस्तान की बढ़ती मित्रता से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। उसने अफगानिस्तान सहित भारत के मित्र देशों से हमेशा नफरत की है। आतंकवाद के केंद्र बन चुके पाकिस्तान की नाकाम कोशिशें अब उजागर हो रही हैं। दुनिया उसे सबक सिखाने के लिए तैयार है। भारत एक मजबूत देश है और उसकी घर में घुसकर मारने की क्षमता को पाकिस्तान भलीभांति जानता है। पाकिस्तान का बुरा समय शुरू हो चुका है और वह पूरी तरह बेनकाब हो गया है। विश्व ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी हरकतें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी, और पाकिस्तान आने वाले समय में नक्शे से मिट सकता है।
आनंद दुबे ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक को उनका अधिकार बताते हुए कहा कि यह संगठन मुसलमानों के हितों के लिए कार्य करता है।
उन्होंने कहा, "ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक उनका अधिकार है, वे मुसलमानों के हितों के लिए कार्य करते हैं। वक्फ बोर्ड से जुड़े मामले पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है। हमें विश्वास है कि अदालत किसी को निराश नहीं करेगी और सभी को न्याय मिलेगा। जेपीसी में लंबी बहस के बाद कई मुद्दे अब स्पष्ट हो चुके हैं। हमें उम्मीद है कि देश में न्यायपूर्ण माहौल कायम रहेगा और सभी समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।"
बिहार विधानसभा चुनाव पर चर्चा करते हुए आनंद दुबे ने कहा कि गठबंधन में सीटों का बंटवारा जल्द पूरा हो जाएगा। मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी। एनडीए में कलह मची है, जहां कुछ नेता नाराज हैं, जबकि हमारी पार्टी में तालमेल के साथ आगे बढ़ रही है।
आनंद दुबे ने ठाकरे भाइयों की मुलाकात पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में ठाकरे भाइयों की यह छठी मुलाकात थी, जो मराठी मानुष के मुद्दों पर एकजुट होने का संकेत है। यह मिलन नाटक नहीं बल्कि महाराष्ट्र और मुंबई की बेहतरी के लिए है। 28 महानगर पालिकाओं के चुनाव जल्द हो सकते हैं, इसलिए तालमेल जरूरी है। मेरा मानना है कि दोनों नेता किसी साजिश के तहत नहीं खुलेआम मिलते हैं। यह मुलाकात बेरोजगारी, मुंबई की अव्यवस्था, लोकल ट्रेन की भीड़ घटाने जैसे मुद्दों पर सहयोग के लिए और जनता के हित में है।