क्या भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र मानना गर्व की बात है? : पीएम मोदी

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क्या भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र मानना गर्व की बात है? : पीएम मोदी

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव की यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति के साथ भारत-मालदीव के संबंधों की गहराई पर जोर दिया। उन्होंने आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की। जानिए इस महत्वपूर्ण दौरे के बारे में और क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने।

Key Takeaways

  • मालदीव
  • भारत का सबसे भरोसेमंद मित्र होना
  • 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स का निर्माण
  • नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भारत का सहयोग
  • सुरक्षा और रक्षा में आपसी सहयोग

माले/नई दिल्ली, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर मालदीव में कदम रखा, जहाँ माले के वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "सबसे पहले, मैं सभी भारतवासियों की ओर से राष्ट्रपति और मालदीव के लोगों को स्वतंत्रता के 60 वर्षों की ऐतिहासिक वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए मैं राष्ट्रपति का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। इस वर्ष, भारत और मालदीव अपने राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं। हमारे संबंधों की जड़ें इतिहास से भी पुरानी हैं और समुद्र जितनी गहरी हैं। आज जारी किया गया डाक टिकट दर्शाता है कि हम केवल पड़ोसी नहीं हैं, बल्कि सहयात्री भी हैं।"

उन्होंने कहा, "भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी है। मालदीव भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति और महासागर विजन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है। आपदा या महामारी, भारत हमेशा पहले प्रतिक्रिया देने वाला बना है। आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता या कोविड के बाद अर्थव्यवस्था को संभालने की बात हो, भारत हमेशा सहयोगी रहा है। हमारी दोस्ती हमेशा पहले स्थान पर है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान, हमने व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी का विजन साझा किया था, और अब यह हकीकत बन रहा है। भारत के सहयोग से बनाए गए 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स कई परिवारों का नया आशियाना बनेंगे। ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, अड्डू सड़क विकास परियोजना, और हनिमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पुनर्विकास से यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण ट्रांजिट और आर्थिक केंद्र बनेगा। जल्द ही फेरिस सिस्टम की शुरुआत से विभिन्न द्वीपों के बीच आवागमन और आसान होगा। हमारी विकास साझेदारी को नई उड़ान देने के लिए हमने मालदीव के लिए लगभग 5 हजार करोड़ की लाइन ऑफ क्रेडिट देने का निर्णय लिया है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमारी आर्थिक साझेदारी को गति देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आपसी निवेश को बढ़ावा देने के लिए, हम जल्द ही द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे, और 'फ्री ट्रेड एग्रीमेंट' पर भी बातचीत शुरू हो गई है। हमारा लक्ष्य कागजी काम से समृद्धि तक पहुँचाना है।"

पीएम मोदी ने कहा, "रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग आपसी विश्वास का प्रतीक है। रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग का उद्घाटन इस विश्वास की मजबूत इमारत है और हमारी साझेदारी का प्रतीक है। हमारी साझेदारी अब मौसम विज्ञान में भी होगी। मौसम चाहे जैसा हो, हमारी मित्रता सदैव उज्ज्वल और स्पष्ट रहेगी। हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है। मालदीव की रक्षा क्षमताओं के विकास में भारत निरंतर सहयोग देगा। हम कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन में साथ मिलकर क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाएंगे। जलवायु परिवर्तन हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। हमने तय किया है कि हम नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देंगे। इस क्षेत्र में भारत अपना अनुभव मालदीव के साथ साझा करेगा।

Point of View

मैं यह मानता हूं कि भारत और मालदीव के बीच मजबूत संबंध केवल भूगोल से नहीं, बल्कि साझा संस्कृति, विश्वास और सहयोग से आते हैं। यह दौरा दर्शाता है कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ सहयोग को प्राथमिकता देता है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी ने मालदीव में क्या कहा?
पीएम मोदी ने भारत और मालदीव के संबंधों की गहराई और सहयोग की दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की।
भारत और मालदीव के संबंधों की क्या विशेषता है?
भारत और मालदीव के संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामरिक सहयोग पर आधारित हैं।
पीएम मोदी के दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या था?
दौरे का मुख्य उद्देश्य आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना था।