क्या मोरक्को में भारतीय रक्षा विंग खोली जाएगी?

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क्या मोरक्को में भारतीय रक्षा विंग खोली जाएगी?

सारांश

भारत और मोरक्को के बीच हुए इस समझौते से दोनों देशों के रक्षा संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी। इसमें न केवल रक्षा उद्योग का सहयोग शामिल है, बल्कि आतंकवाद-निरोधक और समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

Key Takeaways

  • भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता हुआ है।
  • नई रक्षा विंग की स्थापना मोरक्को में की जाएगी।
  • समझौते में साइबर सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग शामिल है।
  • भारत का ड्रोन और ड्रोन-रोधी तकनीक में अनुभव साझा किया जाएगा।
  • यह बैठक द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

नई दिल्ली, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता संपन्न हुआ है। इस समझौते के तहत, दोनों देशों ने रक्षा उद्योग में सहयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, भारत और मोरक्को आतंकवाद-निरोधक, समुद्री सुरक्षा, और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में भी सहयोग करेंगे। इसके साथ ही, मोरक्को में स्थित भारतीय दूतावास में एक नई रक्षा विंग की स्थापना की जाएगी। ये घोषणाएं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मोरक्को यात्रा के दौरान की गईं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लोदी ने 22 सितंबर को मोरक्को की राजधानी रबात में एक द्विपक्षीय बैठक की। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यहां दोनों मंत्रियों ने रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह एमओयू दोनों देशों की बढ़ती साझेदारी के लिए एक मजबूत संस्थागत ढांचा प्रदान करता है। यह समझौता रक्षा उद्योग, संयुक्त अभ्यास, सैन्य प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने रक्षा उद्योग में सहयोग को बढ़ाने का संकल्प लिया और आतंकवाद-निरोध, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, शांति अभियानों, सैन्य चिकित्सा और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को शामिल करते हुए एक व्यापक रोडमैप पर सहमति व्यक्त की। दोनों मंत्रियों के बीच हुई चर्चा में भारत और मोरक्को के बीच दीर्घकालिक मित्रता को और मजबूत करने के लिए साझा संकल्प को साझा किया गया। इन पहलों को गति प्रदान करने के लिए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रबात स्थित भारतीय दूतावास में एक नई रक्षा विंग के उद्घाटन की घोषणा की। उन्होंने भारत के रक्षा उद्योग की परिपक्वता और ड्रोन तथा ड्रोन-रोधी तकनीकों सहित इसकी अत्याधुनिक क्षमताओं पर भी प्रकाश डाला।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को को इस बातचीत के दौरान आश्वस्त किया कि भारतीय कंपनियां मोरक्को के रक्षा बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने सशस्त्र बलों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुगम बनाने और रक्षा क्षेत्र में सह-विकास एवं सह-उत्पादन के अवसरों की खोज के महत्व पर बल दिया।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उन्होंने वैश्विक एवं क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया। भारत और मोरक्को ने हिंद महासागर और अटलांटिक गलियारों के सामरिक महत्व को देखते हुए समुद्री सुरक्षा में घनिष्ठ समन्वय का स्वागत किया। रक्षा मंत्री ने रक्षा सहयोग बढ़ाने पर आगे की चर्चा के लिए रक्षा मंत्री लोदी को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण भी दिया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह बैठक द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भारत और मोरक्को के बीच रणनीतिक हितों के बढ़ते सामंजस्य को दर्शाती है।

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मोरक्को की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। सोमवार को उनकी यात्रा का पहला दिन था। इस यात्रा को भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। रक्षा मंत्री अपने प्रवास के दौरान द्विपक्षीय वार्ता कर रहे हैं और रक्षा एवं सामरिक सहयोग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की गई है।

Point of View

यह सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी लाभकारी होगा।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत और मोरक्को के बीच समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य रक्षा उद्योग में सहयोग बढ़ाना और आतंकवाद-निरोधक, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में एकजुटता को बढ़ावा देना है।
नई रक्षा विंग की स्थापना का महत्व क्या है?
नई रक्षा विंग की स्थापना से भारतीय दूतावास में रक्षा संबंधों को और मजबूत किया जाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
समझौते के तहत कौन-कौन से क्षेत्रों में सहयोग होगा?
समझौते के तहत रक्षा उद्योग, संयुक्त अभ्यास, सैन्य प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहित कई क्षेत्रों में सहयोग होगा।