क्या भारत और जापान एआई, डिजिटल तकनीक और न्यूक्लियर के क्षेत्र में सहयोग करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और सिंगापुर के बीच एआई, क्वांटम, और डिजिटल तकनीक में सहयोग बढ़ेगा।
- प्रधानमंत्री मोदी ने यूपीआई और पे नाउ को डिजिटल कनेक्टिविटी का सफल उदाहरण बताया।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान के साथ सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
- द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते की समीक्षा की जाएगी।
- इस वर्ष के अंत में भारत-सिंगापुर हैकाथॉन का आयोजन होगा।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी और नवाचार भारत और सिंगापुर के बीच साझेदारी के मज़बूत स्तंभ हैं। उन्होंने जानकारी दी कि दोनों देशों ने एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में सहयोग को और बढ़ाने का निर्णय लिया है।
सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग की भारत की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, मोदी ने एक प्रेस वार्ता में यह बातें कहीं। उन्होंने यूपीआई और पे नाउ को डिजिटल कनेक्टिविटी का एक सफल उदाहरण बताया और यह भी कहा कि भारत और सिंगापुर ने आसियान के साथ द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग समझौते की समयबद्ध समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
मोदी ने कहा, "प्रौद्योगिकी और नवाचार हमारी साझेदारी के मज़बूत स्तंभ हैं। आज हुए अंतरिक्ष सहयोग समझौते ने अंतरिक्ष विज्ञान में सहयोग का एक नया अध्याय जोड़ा है। हम इस वर्ष के अंत में भारत-सिंगापुर हैकाथॉन का अगला दौर आयोजित करने जा रहे हैं।"
प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के नेता का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री वोंग की पहली भारत यात्रा पर उनका स्वागत करना मेरे लिए गर्व की बात है। यह यात्रा हमारे संबंधों की 60वीं वर्षगांठ पर हो रही है।"
मोदी ने 2024 में अपनी सिंगापुर यात्रा को याद करते हुए कहा कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित किया। उन्होंने कहा, "पिछले साल हम एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की दिशा में आगे बढ़े थे, जिससे हमारे संवाद और सहयोग में तेजी आई है।"
प्रधानमंत्री ने बताया कि आज सिंगापुर दक्षिण पूर्व एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और हमारे रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमने अपनी साझेदारी के भविष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है।"
मोदी ने सिंगापुर को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए आसियान के साथ मिलकर कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा, "हमने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग समझौते और आसियान के साथ अपने मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा करने का निर्णय लिया है।"
-राष्ट्र प्रेस