क्या भारत-फ्रांस ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और ड्रोन रोधी युद्धाभ्यास किया?

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क्या भारत-फ्रांस ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और ड्रोन रोधी युद्धाभ्यास किया?

सारांश

भारत और फ्रांस की सेनाएं 'शक्ति' नामक एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास में भाग ले रही हैं, जो आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर आयोजित किया गया है। जानिए इस अभ्यास में क्या खास रहा।

Key Takeaways

  • भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास 'शक्ति' का आयोजन
  • इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और ड्रोन रोधी क्षमता पर प्रशिक्षण
  • 96 घंटे का फील्ड अभ्यास हुआ
  • दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों को मजबूती
  • संयुक्त सैन्य तालमेल और योजना कौशल का विकास

नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत और फ्रांस की सेनाओं ने एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास 'शक्ति' का आयोजन किया है। यह अभ्यास आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

इस अभ्यास के दौरान, दोनों सेनाओं ने भविष्य के युद्धों की तैयारियों को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली का समावेश किया। इसके साथ ही, ड्रोन रोधी अभियानों पर भी संयुक्त प्रशिक्षण किया गया। यह अभ्यास फ्रांस में आयोजित हुआ था।

अभ्यास में दोनों सेनाओं ने कॉम्बैट शूटिंग, अर्बन वॉरफेयर और अवरोध पार प्रशिक्षण पर फोकस किया। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और ड्रोन रोधी क्षमता युद्ध के परिणाम को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 'शक्ति' फ्रांस के कैंप लारजैक, ला कावालरी में सम्पन्न हुआ। दोनों सेनाओं ने एक भव्य समारोह के साथ इस अभ्यास का समापन किया।

भारत मानता है कि यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी तालमेल, विश्वास और सामरिक समन्वय को मजबूत करने में महत्वपूर्ण कदम था। इस अभ्यास में भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर राइफल्स बटालियन के 90 सैनिकों का दल शामिल हुआ था, जबकि फ्रांस की तरफ से 13वीं डेमी-ब्रिगेड डे लेजियन एत्रांजेरे के सैनिकों ने भाग लिया।

भारतीय सेना के अनुसार, फ्रांस में आयोजित इस सैन्य प्रशिक्षण का मुख्य आकर्षण एक 96 घंटे का फील्ड अभ्यास था। इस फील्ड अभ्यास ने बहु-आयामी परिदृश्यों के माध्यम से वास्तविक और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में संयम, योजना कौशल और संयुक्त निर्णय लेने की क्षमता का परीक्षण किया। फ्रांस में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने अभ्यास के दौरान भारतीय सैनिकों से मुलाकात की।

सिंगला ने भारतीय सैनिकों के पेशेवर रवैये और भारत-फ्रांस के रक्षा संबंधों को सशक्त बनाने में उनके योगदान की सराहना की। 'शक्ति' अभ्यास भारत और फ्रांस के बीच बढ़ती रणनीतिक एकता का प्रतीक है। इसने न केवल सामरिक जानकारी और ऑपरेशनल श्रेष्ठताओं का आदान-प्रदान संभव बनाया, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता, सामूहिक सुरक्षा और रक्षा सहयोग के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ किया है।

Point of View

वह भविष्य में सामरिक चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास 'शक्ति' कब हुआ?
यह अभ्यास 3 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
इस अभ्यास में कितने सैनिक शामिल हुए?
इस अभ्यास में भारत की ओर से 90 सैनिक और फ्रांस की ओर से 13वीं डेमी-ब्रिगेड के सैनिक शामिल हुए।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच तालमेल और सामरिक समन्वय को बढ़ाना था।
इस अभ्यास में क्या खास बातें थीं?
इस अभ्यास में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और ड्रोन रोधी अभियानों का समावेश किया गया।
इस अभ्यास की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
इसमें 96 घंटे का फील्ड अभ्यास और विभिन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रशिक्षण शामिल था।