क्या भारत ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब के रूप में उभर रहा है?

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क्या भारत ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब के रूप में उभर रहा है?

सारांश

भारत ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है। चिप्स की मांग बढ़ती जा रही है, और भारत इस उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। जानिए कैसे भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

Key Takeaways

  • भारत सेमीकंडक्टर उद्योग में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
  • ग्लोबल मार्केट में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है।
  • सरकार की योजनाएं स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रही हैं।
  • भारत में डिज़ाइन क्षमताएं मजबूत हो रही हैं।
  • सेमीकंडक्टर में नवाचार के लिए नई सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं।

नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सेमीकंडक्टर आज की तकनीक के केंद्र में हैं और चिप्स की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, कुछ सीमित भौगोलिक क्षेत्रों में इस उद्योग का एकत्रीकरण होने के कारण सप्लाई चेन काफी संवेदनशील बनी हुई है। इस स्थिति को देखते हुए, निर्माण के वैश्विक विविधीकरण की आवश्यकता स्पष्ट हो गई है। इस संदर्भ में, भारत एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है।

मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) जैसे प्रमुख क्षेत्रों ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन और सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रमों के माध्यम से उद्योग का समर्थन करने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण किया है। ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट के 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें भारत का बाजार एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।

मई 2025 में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नोएडा और बेंगलुरु में दो अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर डिजाइन सुविधाओं का उद्घाटन किया। ये केंद्र भारत के पहले ऐसे केंद्र हैं जो एडवांस 3-नैनोमीटर चिप डिज़ाइन पर केंद्रित हैं, जो देश की सेमीकंडक्टर नवाचार यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनेंगे।

मंत्रालय की डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना और चिप्स टू स्टार्टअप (सीटूएस) कार्यक्रम के तहत सहायता प्राप्त स्टार्टअप तेजी से विकास कर रहे हैं। हाल ही में, इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के अनुसार, स्मार्ट विजन, सीसीटीवी कैमरे और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसे अनुप्रयोगों के लिए चिप्स बनाने वाली कंपनी नेत्रसेमी स्टार्टअप को सरकार की चिप डिजाइन योजना के तहत 107 करोड़ रुपए का उद्यम पूंजी निवेश मिला है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सफलता का स्वागत करते हुए कहा कि भारत में महत्वपूर्ण डिजाइन क्षमताएं मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन के माध्यम से देश में डिजाइन को समर्थन देने से नेत्रसेमी की सफलता अन्य भारतीय स्टार्टअप्स को प्रेरित करेगी।

मंत्रालय के अनुसार, 2022 में डीएलआई योजना के शुभारंभ के बाद, सरकार ने 22 कंपनियों को चिप डिजाइन परियोजनाओं के लिए 234 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने का आश्वासन दिया था, जिसकी कुल परियोजना लागत 690 करोड़ रुपए थी। इन स्टार्टअप्स ने मिलकर उद्यम पूंजी निवेशकों से 380 करोड़ रुपए से अधिक का धन जुटाया है। इसके अतिरिक्त, पांच स्टार्टअप पहले ही ग्लोबल चिप मैन्युफैक्चरर्स के साथ अपने चिप डिजाइन का निर्माण और परीक्षण कर चुके हैं।

केंद्र सरकार के अनुसार, 72 से अधिक कंपनियों को चिप्स डिजाइन में सहायता के लिए एडवांस सॉफ्टवेयर टूल्स तक पहुंच प्रदान की गई है।

हाल ही में IIT-हैदराबाद के 14वें दीक्षांत समारोह में, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि जिस तरीके से हम सेमीकंडक्टर बनाने के लिए आवश्यक पूंजीगत उपकरण और सामग्री का निर्माण कर रहे हैं, उससे भारत आने वाले वर्षों में सेमीकंडक्टर उत्पादन करने वाले शीर्ष 5 देशों में शामिल होगा।

भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य एक मजबूत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम विकसित करना है, जिससे भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके।

Point of View

हम यह देख सकते हैं कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग में तेजी से प्रगति कर रहा है। यह न केवल आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा। हमें इस दिशा में सरकार की पहलों का समर्थन करना चाहिए।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत सेमीकंडक्टर उद्योग में क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत एक विशाल बाजार और तकनीकी कौशल के साथ सेमीकंडक्टर उद्योग का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन रहा है।
सेमीकंडक्टर के लिए भारत की प्रमुख योजनाएं क्या हैं?
भारत सरकार ने 'मेक इन इंडिया', 'इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन' जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
क्या भारत अगले 5 वर्षों में सेमीकंडक्टर उत्पादन में अग्रणी बन सकता है?
हां, कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारत आने वाले वर्षों में शीर्ष देशों में शामिल हो सकता है।