क्या भारत और जॉर्डन के संबंधों को नई मजबूती मिली है?

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क्या भारत और जॉर्डन के संबंधों को नई मजबूती मिली है?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन यात्रा ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती प्रदान की है। इस यात्रा में महत्वपूर्ण समझौतों के माध्यम से ऊर्जा, जल प्रबंधन और डिजिटल सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा दिया गया है। क्या यह भारत-जॉर्डन के संबंधों में एक नया अध्याय है?

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्डन में महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
  • ऊर्जा, जल प्रबंधन और डिजिटल सहयोग में साझेदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • पेट्रा-एलोरा ट्विनिंग एग्रीमेंट से सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा।

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन यात्रा के दौरान भारत और जॉर्डन के द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा और मजबूती प्राप्त हुई है। इस यात्रा में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते और सहमतियां की गईं, जो ऊर्जा, जल प्रबंधन, संस्कृति, विरासत संरक्षण और डिजिटल सहयोग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी को आगे बढ़ाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "ये नतीजे भारत-जॉर्डन पार्टनरशिप का एक महत्वपूर्ण विस्तार दर्शाते हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा सहयोग स्वच्छ विकास, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"

पीएम मोदी ने आगे लिखा, "जल संसाधन प्रबंधन और विकास में सहयोग से हमें संरक्षण, दक्षता और तकनीक में बेहतरीन तरीकों को साझा करने में मदद मिलेगी, जिससे लंबे समय तक पानी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पेट्रा और एलोरा के बीच ट्विनिंग एग्रीमेंट विरासत संरक्षण, पर्यटन और शैक्षणिक आदान-प्रदान के नए रास्ते खोलता है।"

उन्होंने कहा, "सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का नवीनीकरण (2025–2029) दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी जुड़ाव को और गहरा करेगा। हमारे डिजिटल नवाचार को साझा करने से जॉर्डन के डिजिटल परिवर्तन में सहायता मिलेगी और समावेशी शासन को बढ़ावा मिलेगा।"

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रधानमंत्री की जॉर्डन यात्रा के दौरान तय हुए सभी परिणामों की जानकारी साझा करते हुए बताया था कि कुल पांच प्रमुख समझौते और सहमतियां अंतिम रूप दी गई हैं। इनमें नई और नवीकरणीय ऊर्जा में तकनीकी सहयोग, जल संसाधन प्रबंधन, पेट्रा–एलोरा ट्विनिंग एग्रीमेंट, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का नवीनीकरण और डिजिटल सहयोग पर आशय पत्र शामिल हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। भारत अपनी जनसंख्या स्तर पर लागू की गई सफल डिजिटल पहलों और समाधानों को जॉर्डन के साथ साझा करेगा। इससे जॉर्डन की डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया को समर्थन मिलेगा और समावेशी शासन को बढ़ावा मिलेगा।

Point of View

बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक स्तर पर भी दोनों देशों के लिए फायदेमंद रहेगा।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार में बढ़ोतरी होगी?
हाँ, समझौतों के द्वारा व्यापार और सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे।
भारत की डिजिटल पहलें जॉर्डन को कैसे मदद करेंगी?
भारत की सफल डिजिटल पहलों को साझा करने से जॉर्डन की डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया को समर्थन मिलेगा।
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