क्या भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में 22 प्रतिशत बढ़ा?

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क्या भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में 22 प्रतिशत बढ़ा?

सारांश

भारत में ऑटोमोबाइल निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि! जानें कैसे यात्री वाहनों की रिकॉर्ड शिपमेंट और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिर मांग ने इसे संभव बनाया। यह वृद्धि न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय ऑटो उद्योग के लिए एक बड़ा मील का पत्थर भी है।

Key Takeaways

  • भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • यात्री वाहनों का निर्यात 2,04,330 इकाइयों तक पहुँच गया है।
  • मारुति सुजुकी सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी है।
  • दोपहिया वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत बढ़ा है।
  • तिपहिया वाहनों में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) की अप्रैल-जून तिमाही में भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

यह उल्लेखनीय वृद्धि यात्री वाहनों की रिकॉर्ड शिपमेंट के साथ-साथ दोपहिया, वाणिज्यिक वाहनों और तिपहिया वाहनों के बेहतर प्रदर्शन के कारण संभव हुई है।

कुल मिलाकर, भारत ने पहली तिमाही में सभी श्रेणियों में 14,57,461 वाहनों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 11,92,566 वाहनों के निर्यात से 22 प्रतिशत अधिक है।

अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों का निर्यात 2,04,330 इकाइयों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में निर्यात की गई 1,80,483 इकाइयों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।

सियाम ने इस वृद्धि का श्रेय अधिकांश अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिर मांग और मध्य पूर्व एवं लैटिन अमेरिका में बेहतर प्रदर्शन को दिया।

श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में मांग में सुधार के साथ-साथ जापानी बाजार में बढ़ती शिपमेंट से निर्यात को बढ़ावा मिला।

सियाम ने आगे बताया कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) ने निर्यात बढ़ाने में सहायता की।

देश की अग्रणी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों की शीर्ष निर्यातक बनी।

कंपनी ने अन्य देशों को 96,181 कारें भेजीं, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में निर्यात की गई 69,962 कारों की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक है।

हुंडई मोटर इंडिया ने इस दौरान 48,140 कारों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 42,600 कारों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।

पहली तिमाही में दोपहिया वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत बढ़कर 11,36,942 इकाई हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 9,23,148 इकाई था।

वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात भी 23 प्रतिशत बढ़कर 19,427 इकाई हो गया है।

तिपहिया वाहनों के निर्यात में सभी सेगमेंट में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, जो अप्रैल-जून तिमाही में 34 प्रतिशत बढ़कर 95,796 इकाई हो गया है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की मजबूती और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा की क्षमता को दर्शाता है। हमारे देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि हम वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात क्यों बढ़ा?
यात्री वाहनों की रिकॉर्ड शिपमेंट और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिर मांग के चलते निर्यात में वृद्धि हुई है।
कौन सी कंपनियाँ निर्यात में अग्रणी हैं?
मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर इंडिया जैसी कंपनियाँ इस क्षेत्र में प्रमुख योगदान दे रही हैं।
किस क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि हुई है?
तिपहिया वाहनों के निर्यात में सबसे अधिक 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।