क्या भारत का डिफेंस टेक्नोलॉजी मार्केट 2030 तक 19 अरब डॉलर तक पहुंचेगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का डिफेंस टेक्नोलॉजी मार्केट 2030 में 19 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
- टेक्नोलॉजी-आधारित सिस्टम का हिस्सा 50 प्रतिशत हो जाएगा।
- काउंटर-ड्रोन मार्केट 1.4 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है।
- डिफेंस में विशिष्ट इंजीनियरिंग भूमिकाओं की कमी है।
- डिफेंस-रेडी एआई का विकास आवश्यक है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में डिफेंस टेक्नोलॉजी मार्केट का मूल्य 2025 में 7.6 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 में 19 अरब डॉलर होने की संभावना है, जो 20 प्रतिशत की सीएजीआर वृद्धि को दर्शाता है। यह तथ्य मंगलवार को एक रिपोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
स्टाफिंग एंड वर्कफोर्स सॉल्यूशन क्वेस कॉर्प की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि टेक्नोलॉजी-आधारित सिस्टम 2030 तक भारत के कुल डिफेंस मार्केट का 50 प्रतिशत बन जाएगा, जो प्लेटफॉर्म-आधारित विकास से उन्नत इंजीनियरिंग और डिजिटल क्षमता निर्माण की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, कंप्यूटर विज़न, स्वायत्त प्रणालियाँ, काउंटर-ड्रोन टेक्नोलॉजी, अंडरवॉटर रोबोटिक्स, उन्नत सेंसर, निर्देशित-ऊर्जा अनुसंधान और सॉफ्टवेयर-आधारित मिशन सिस्टम में तेज गति बनी हुई है, जिसे 1000 से अधिक डिफेंस-टेक स्टार्टअप्स और नवाचार कार्यक्रमों के माध्यम से लिंक्ड 194 फर्मों से समर्थन मिल रहा है।
रिपोर्ट में ज्ञात हुआ है कि कंप्यूटर विज़न, स्वायत्त प्रणालियाँ, ड्रोन-रोधक प्रौद्योगिकियाँ, अंडरवाटर रोबोटिक्स, उन्नत सेंसर, निर्देशित-ऊर्जा अनुसंधान और सॉफ्टवेयर-संचालित मिशन प्रणालियाँ में गति मजबूत है, जिसे 1,000 से अधिक रक्षा-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और नवाचार कार्यक्रमों के माध्यम से जुड़ी 194 फर्मों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है।
रिपोर्ट में रडार इंजीनियरिंग, रेडियो फ्रिक्वेंसी इंजीनियरिंग, एवियोनिक्स, प्रोपल्शन, ऑप्टिकल इंजीनियरिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन सिस्टम, सिस्टम इंटीग्रेशन, टेस्ट एंड वैलिडेशन और सर्टिफिकेशन जैसे विशिष्ट इंजीनियरिंग भूमिकाओं में महत्वपूर्ण कमी की भी जानकारी दी गई है।
ये भूमिकाएँ वर्तमान में डिफेंस वर्कफोर्स का 5 प्रतिशत से भी कम हिस्सा हैं और एयरक्राफ्ट डेवलपमेंट, अनमैन्ड सिस्टम, नेवल प्रोजेक्ट और सिक्योर कम्युनिकेशन नेटवर्क में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।
डिफेंस-टेक स्टार्टअप में कुल स्टार्ट-अप फंडिंग का 71 प्रतिशत काउंटर-ड्रोन सॉल्यूशन की ओर जाता है, जो भारत के डिफेंस इनोवेशन इकोसिस्टम का सबसे तेजी से बढ़ता सेगमेंट है। काउंटर-ड्रोन मार्केट 17 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ने के साथ 2029 तक 1.4 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
क्वेस कॉर्प में आईटी स्टाफिंग सीईओ कपिल जोशी ने कहा, भारत के लिए ग्लोबल सिस्टम्स लीडर बनने के लिए अगले पांच वर्ष बेहद महत्वपूर्ण हैं। डिफेंस-रेडी एआई और फ्रंटियर इंजीनियरिंग टैलेंट का 5-6 गुना विस्तार करना उद्योग की आवश्यकता के साथ एक राष्ट्रीय अनिवार्यता भी है।