क्या भारत का लोकतंत्र दुनिया में सबसे संतोषजनक है?

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क्या भारत का लोकतंत्र दुनिया में सबसे संतोषजनक है?

सारांश

भारतीय नागरिकों का अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली में विश्वास बढ़ रहा है। हाल के सर्वेक्षण में भारत ने संतोष के मामले में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जानिए इस उपलब्धि के पीछे के कारण और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत का स्थान।

Key Takeaways

  • भारत में 74 प्रतिशत लोग लोकतंत्र से संतुष्ट हैं।
  • स्वीडन के बाद भारत का दूसरा स्थान है।
  • आर्थिक प्रगति और लोकतंत्र का सीधा संबंध है।
  • कोविड-19 के बाद कई देशों में असंतोष बढ़ा है, लेकिन भारत में यह स्थिर है।
  • युवाओं का लोकतंत्र में महत्वपूर्ण योगदान है।

नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नागरिकों का अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली में विश्वास निरंतर बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, भारत ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो भारतीयों के अपने लोकतांत्रिक ढांचे में बढ़ते विश्वास का परिचायक है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय लोग अपने लोकतंत्र से संतुष्टि के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर हैं।

प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, भारत अपने लोकतंत्र के प्रति संतोष के मामले में स्वीडन (75 प्रतिशत) के बाद 74 प्रतिशत के साथ खड़ा है। यह उपलब्धि 23 देशों के सर्वेक्षण में प्राप्त हुई है, जहाँ औसतन 58 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था से असंतुष्ट हैं।

यह आंकड़ा भारत की प्रगति और जनता के विश्वास को दर्शाता है, जो देश को एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करता है। इस सर्वे में 15 देशों में आधे से अधिक लोग अपने देश की लोकतांत्रिक प्रणाली से असंतुष्ट हैं।

2017 से लगातार किए जा रहे प्यू रिसर्च के सर्वेक्षणों में यह स्पष्ट है कि उच्च आय वाले देशों जैसे कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में लोकतंत्र के प्रति असंतोष 64 प्रतिशत तक पहुँच गया है, जबकि संतोष महज 35 प्रतिशत है।

इसके विपरीत, भारत में 74 प्रतिशत लोग अपने लोकतंत्र के कामकाज से खुश हैं, जो यह दर्शाता है कि देश की जनता अपनी सरकार और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास रखती है।

यह विश्वास आर्थिक प्रगति और सामाजिक स्थिरता से भी जुड़ा है, क्योंकि सर्वेक्षण बताते हैं कि जहाँ अर्थव्यवस्था मजबूत है, वहाँ लोकतंत्र के प्रति संतोष भी अधिक है। भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। कई चीजें इस बात को प्रभावित कर सकती हैं कि लोग अपने लोकतंत्र के काम करने के तरीके से कितने संतुष्ट हैं, लेकिन आर्थिक धारणाएं एक महत्वपूर्ण कारक हैं। जिन देशों में जनता का एक बड़ा हिस्सा कहता है कि अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, वहाँ आम तौर पर ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने लोकतंत्र से संतुष्ट होते हैं।

सर्वेक्षण में यह भी उभरकर सामने आया है कि कोविड-19 महामारी के बाद कई देशों में लोकतंत्र के प्रति संतोष में गिरावट आई है, लेकिन भारत में यह स्तर बरकरार रहा। 2017 में जहाँ दुनिया के बड़े देशों में 49 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली से संतुष्ट थे, वहीं आज 74 प्रतिशत का आंकड़ा भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में सुधार और जनता की भागीदारी को दर्शाता है।

यह संतोष देश के युवाओं, जो आबादी का बड़ा हिस्सा हैं, और आर्थिक विकास में उनकी भूमिका से भी प्रेरित है। इस मामले में इंडोनेशिया (66 प्रतिशत) और ऑस्ट्रेलिया (61 प्रतिशत) जैसे देशों की तुलना में, भारत का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जबकि ग्रीस (19 प्रतिशत) और जापान (24 प्रतिशत) जैसे देश लोकतंत्र के प्रति असंतोष से जूझ रहे हैं।

हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि लोग लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर हो रहे हैं। शोध बताता है कि दुनिया भर के लोग लोकतंत्र को अच्छा मानते हैं। लेकिन कई लोग राजनीतिक अभिजात वर्ग से निराश हैं या उन्हें लगता है कि सरकार में उनके विचारों का सही प्रतिनिधित्व नहीं किया जाता।

वहीं, दुनिया में अपने लोकतंत्र से सर्वाधिक संतुष्ट लोगों में स्वीडन और भारत के बाद इंडोनेशिया (66 प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (61 प्रतिशत) और जर्मनी (61 प्रतिशत) के नाम आते हैं। एशिया-प्रशांत के पांच देशों (ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंडोनेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया) में भी लोगों की राय काफी अलग-अलग है। भारत इस क्षेत्र में भी टॉप पर है।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत का लोकतंत्र आज भी मजबूत है और जनता का विश्वास इसे और मजबूती प्रदान कर रहा है। हालांकि कई चुनौतियां हैं, लेकिन भारतीय नागरिकों की संतुष्टि का यह आंकड़ा हमें सकारात्मक दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करता है।
NationPress
22/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत में लोकतंत्र की स्थिति क्या है?
भारत में लोकतंत्र की स्थिति मजबूत है, जहाँ 74 प्रतिशत लोग अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली से संतुष्ट हैं।
कौन से देश भारत से अधिक संतुष्ट हैं?
स्वीडन (75 प्रतिशत) भारत से अधिक संतुष्ट है, जबकि भारत 74 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।
आर्थिक प्रगति और लोकतंत्र का क्या संबंध है?
सर्वेक्षण से पता चलता है कि जहाँ अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, वहाँ लोकतंत्र के प्रति संतोष भी अधिक होता है।
क्या कोविड-19 महामारी का लोकतंत्र पर प्रभाव पड़ा?
कई देशों में कोविड-19 के बाद लोकतंत्र के प्रति संतोष में गिरावट आई है, जबकि भारत में यह स्तर बरकरार रहा।
भारतीय युवाओं का लोकतंत्र पर क्या दृष्टिकोण है?
भारतीय युवक अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और 74 प्रतिशत संतोष का एक बड़ा हिस्सा हैं।