क्या भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जुलाई में 60.7 तक पहुंच गया है?

Click to start listening
क्या भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जुलाई में 60.7 तक पहुंच गया है?

सारांश

भारत का निजी क्षेत्र जुलाई में शानदार प्रदर्शन कर रहा है, जैसा कि एचएसबीसी के फ्लैश पीएमआई में दर्शाया गया है। जानिए कैसे वैश्विक मांग और उत्पादन स्तर में वृद्धि ने इस सफलता को संभव बनाया।

Key Takeaways

  • जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 60.7 के स्तर पर पहुंचा।
  • सर्विसेज पीएमआई 59.8 रहा, जो कि धीमी वृद्धि को दर्शाता है।
  • भारतीय कंपनियों में उत्पादन वृद्धि को लेकर आशा बनी हुई है।
  • नौकरी में वृद्धि और उत्पादन में वृद्धि का संकेत मिल रहा है।
  • मुद्रास्फीति के दबाव में वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक मांग और मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी के कारण भारत के प्राइवेट सेक्टर का प्रदर्शन जुलाई में काफी मजबूत रहा है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुए एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कम्पोजिट परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) में दी गई।

एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कंपोजिट पीएमआई जुलाई में 60.7 रहा, जबकि जून में यह 58.4 था।

मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स जून के 58.4 से बढ़कर जुलाई में 59.2 पर पहुंच गया, जो कि मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का लगभग साढ़े 17 वर्षों का उच्चतम स्तर है।

सर्विसेज पीएमआई जुलाई में 59.8 रहा, जो जून के 60.4 से कम है। यह दर्शाता है कि सर्विसेज सेक्टर की गतिविधियों में तेजी जारी है, हालांकि वृद्धि की रफ्तार धीमी हुई है।

एचएसबीसी के मुख्य भारत इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, "भारत का फ्लैश कंपोजिट पीएमआई जुलाई में 60.7 पर रहा। इस मजबूत प्रदर्शन के पीछे कुल बिक्री, निर्यात ऑर्डर और उत्पादन स्तर में वृद्धि शामिल है। भारतीय मैन्युफैक्चरर्स ने तीनों ही मानकों के लिए सेवाओं की तुलना में तेज विस्तार दर दर्ज करते हुए अग्रणी स्थान हासिल किया।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत में निजी क्षेत्र की फर्मों को प्राप्त अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही की शुरुआत में तेजी से बढ़े हैं। हालांकि, इस दौरान मुद्रास्फीति का दबाव भी बढ़ा है, क्योंकि जुलाई में इनपुट लागत और आउटपुट शुल्क दोनों में वृद्धि हुई है।"

एचएसबीसी के अनुसार, भारतीय कंपनियां अगले 12 महीनों में उत्पादन वृद्धि को लेकर आशावादी बनी हुई हैं।

नोट में बताया गया कि विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में रोजगार में मजबूत वृद्धि देखी गई है, जो दर्शाता है कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों क्षेत्रों में विस्तार के साथ-साथ रोजगार सृजन भी बढ़ रहा है।

जहां वस्तु उत्पादकों ने मई के दौरान पिछले तीन महीनों में उत्पादन में सबसे धीमी वृद्धि दर्ज की, वहीं सर्विस प्रोवाइडर्स ने मार्च 2024 के बाद से सबसे तेज वृद्धि दर्ज की।

एचएसबीसी सर्वेक्षण के अनुसार, निगरानी की जा रही कंपनियों ने वृद्धि का श्रेय बढ़ती मांग, टेक्नोलॉजी में निवेश और क्षमताओं में विस्तार को दिया है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूं कि भारत का आर्थिक विकास केवल मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र तक सीमित नहीं है। यह सर्विसेज सेक्टर में भी दिखाता है। निजी क्षेत्र की सफलता देश की समग्र आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई क्या है?
भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जुलाई में 60.7 दर्ज किया गया है, जो कि जून के 58.4 से अधिक है।
सर्विसेज पीएमआई का क्या स्तर है?
सर्विसेज पीएमआई जुलाई में 59.8 पर स्थित है।
एचएसबीसी के अनुसार भारतीय कंपनियों का क्या कहना है?
भारतीय कंपनियां अगले 12 महीनों में उत्पादन वृद्धि को लेकर आशावादी हैं।