क्या भारत का मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर 2027 तक 3 लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर 2027 तक 3 लाख करोड़ रुपए को पार कर सकता है।
- ट्राई ने संतुलित नियमन और नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया।
- डिजिटल रेडियो प्रसारण से ऑडियो परिदृश्य में बदलाव आएगा।
मुंबई, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने भारत की ब्रॉडकास्टिंग और मीडिया इंडस्ट्री में विकास के अगले चरण को आगे बढ़ाने के लिए संतुलित नियमन और नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया है।
फिक्की फ्रेम्स के 25वें संस्करण को संबोधित करते हुए, लाहोटी ने बताया कि भारत के मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (एम एंड ई) सेक्टर ने 2024 में अर्थव्यवस्था में 2.5 लाख करोड़ रुपए का योगदान दिया और 2027 तक इसके 3 लाख करोड़ रुपए के पार जाने का अनुमान है। अकेले टेलीविजन और ब्रॉडकास्टिंग क्षेत्र ने पिछले वर्ष लगभग 68,000 करोड़ रुपए की कमाई की।
लाहोटी ने इस क्षेत्र के एनालॉग से डिजिटल और अब 4के ब्रॉडकास्टिंग में परिवर्तन पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिसे स्मार्ट टीवी, 5जी और ओटीटी प्लेटफार्मों के विकास से बढ़ावा मिला है, जो 60 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वृद्धि के बावजूद, 19 करोड़ टीवी घरों में लीनियर टेलीविजन अभी भी प्रमुख साधन बना हुआ है।
लाहोटी ने कहा, "ट्राई की नीति इनॉवेशन और प्रतिस्पर्धा के माध्यम से संगठित विकास को सक्षम बनाना है, साथ ही उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शिता और छोटे खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।"
उन्होंने एफएम इकोसिस्टम को मजबूत करने और भारत के ऑडियो परिदृश्य को आधुनिक बनाने के लिए प्रमुख भारतीय शहरों में डिजिटल रेडियो प्रसारण शुरू करने की ट्राई की सिफारिशों पर भी ध्यान दिया।
ट्राई ने पिछले सप्ताह डिजिटल प्रसारण नीति पर सिफारिशें जारी कीं, जो एनालॉग एफएम रेडियो चैनलों को उसी फ्रिक्वेंसी पर एक डिजिटल परत जोड़ने की अनुमति देती हैं।
‘निजी रेडियो प्रसारकों के लिए एक डिजिटल रेडियो प्रसारण नीति तैयार करने’ से जुड़ी सिफारिशों में देश भर में एक ही तकनीकी मानक और 13 शहरों में नई फ्रिक्वेंसी की नीलामी की भी बात कही गई है।
इस कदम को भारत के एफएम रेडियो के डिजिटल बदलाव की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
लाहोटी ने अंत में प्रधानमंत्री के कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर से संचालित ‘ऑरेंज इकोनॉमी’ के विजन को साकार करने के लिए उद्योग जगत के हितधारकों के साथ काम करने की ट्राई की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।