क्या भारत के आठ प्रमुख उद्योगों ने सितंबर में 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की?

सारांश
Key Takeaways
- भारत के आठ प्रमुख उद्योगों ने सितंबर में 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
- इस्पात का उत्पादन 14.1 प्रतिशत बढ़ा।
- सीमेंट का उत्पादन 5.3 प्रतिशत बढ़ा।
- कोयला और प्राकृतिक गैस में गिरावट आई।
- आईसीआई की संचयी वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत रही।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि इस वर्ष सितंबर में भारत के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 3 प्रतिशत रही है। इस दौरान इस्पात और सीमेंट क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे उत्कृष्ट रहा।
मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सरकार द्वारा संचालित बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की बढ़ती मांग के कारण सितंबर में इस्पात उत्पादन में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 14.1 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2025-26 के अप्रैल से सितंबर के दौरान इस्पात की संचयी वृद्धि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक रही।
बड़ी बुनियादी ढांचा और निर्माण परियोजनाओं में मांग बढ़ने के कारण इस वर्ष सितंबर में सीमेंट उत्पादन में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2025-26 के अप्रैल से सितंबर के दौरान इसका संचयी उत्पादन पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.7 प्रतिशत बढ़ा है।
इस महीने के दौरान बिजली उत्पादन में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि उर्वरक उत्पादन में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हालांकि, सितंबर में कोयला उत्पादन में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 1.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
पेट्रोल, डीजल और एलपीजी जैसे पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में सितंबर में 3.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इसी प्रकार, कच्चे तेल के उत्पादन में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि प्राकृतिक गैस के उत्पादन में 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
अगस्त 2025 के लिए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही। अप्रैल से सितंबर, 2025-26 के दौरान आईसीआई की संचयी वृद्धि दर अब पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.9 प्रतिशत है।
आईसीआई कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली सहित आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन के संयुक्त और व्यक्तिगत प्रदर्शन को मापता है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल वस्तुओं के भार में 40.27 प्रतिशत की हिस्सेदारी आठ प्रमुख उद्योगों की है।
-राष्ट्र प्रेस
एबीएस/