क्या पिछले 11 वर्षों में भारत के एक्सप्रेसवे की लंबाई 93 किलोमीटर से बढ़कर 5,110 किलोमीटर हो गई है?

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क्या पिछले 11 वर्षों में भारत के एक्सप्रेसवे की लंबाई 93 किलोमीटर से बढ़कर 5,110 किलोमीटर हो गई है?

सारांश

क्या भारत के एक्सप्रेसवे की लंबाई 93 किलोमीटर से बढ़कर 5,110 किलोमीटर हो गई है? जानें नितिन गडकरी के ताजा बयान के बारे में और कैसे यह विकास देश के राजमार्ग निर्माण की गति को प्रभावित कर रहा है।

Key Takeaways

  • भारत में एक्सप्रेसवे की लंबाई में वृद्धि
  • राजमार्ग निर्माण की गति में सुधार
  • केंद्र सरकार की नई योजनाएँ
  • राजस्थान में निर्माणाधीन परियोजनाएँ
  • निवेश के लिए बढ़ते अवसर

नई दिल्ली, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी कि भारत में एक्सप्रेसवे और एक्सेस-कंट्रोलled नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर (प्रवेश-नियंत्रित राष्ट्रीय उच्च गति गलियारों) की कुल लंबाई मार्च 2014 में केवल 93 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर लगभग 5,110 किलोमीटर हो गई है।

मंत्री ने एक लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि इस 5,110 किलोमीटर में से 2,636 किलोमीटर पहले ही चालू हो चुकी है।

गडकरी ने अपने उत्तर में बताया कि भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क की कुल लंबाई मार्च 2014 में 91,287 किलोमीटर से बढ़कर अब 1,46,342 किलोमीटर हो गई है।

पिछले 11 वर्षों में देश में राजमार्ग निर्माण की गति में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2014-15 में 12 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़कर 2023-24 में 34 किलोमीटर प्रतिदिन और 2024-25 में 29 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है।

गडकरी ने कहा कि वर्तमान में देश में 7.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 29,400 किलोमीटर लंबी 1,240 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।

मंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने अप्रैल 2014 से अब तक देश भर में राज्य राजमार्गों (एसएच) और ग्रीनफील्ड खंडों सहित लगभग 54,004 किलोमीटर राज्य सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गों के रूप में अधिसूचित किया है। इससे केंद्र को राजमार्ग विकास की गति में तेजी लाने में मदद मिली है।

सरकार को समय-समय पर विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से राज्य के राजमार्गों सहित राज्य सड़कों को नए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के प्रस्ताव प्राप्त होते रहते हैं। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की घोषणा के व्यापक सिद्धांतों, कनेक्टिविटी की आवश्यकता, यातायात घनत्व, पारस्परिक प्राथमिकता और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के साथ तालमेल के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं।

वर्तमान में, राजस्थान और असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग 91,290 करोड़ रुपये की लागत वाली 206 निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं विलंबित हैं। इनमें से अधिकांश परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से 2025-26 तक पूरा किया जाना है और केवल कुछ ही परियोजनाओं के 2026-27 से आगे बढ़ने की उम्मीद है। मंत्री ने बताया कि इनमें से एक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना, जिसका निर्माण 410 करोड़ रुपये के निवेश से किया जा रहा है, राजस्थान के जालौर जिले से होकर गुजरती है और इसका लक्ष्य 2025-26 में पूरा होना है।

-राष्ट्र प्रेस

जीकेटी/

Point of View

यह विकास भारत के राजमार्गों के नेटवर्क को व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि देश के सभी क्षेत्रों को जोड़ने में भी सहायक साबित होगा।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत में एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से हो रहा है?
हाँ, पिछले 11 वर्षों में राजमार्ग निर्माण की गति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
नितिन गडकरी ने संसद में क्या जानकारी दी?
उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे की लंबाई 93 किलोमीटर से बढ़कर 5,110 किलोमीटर हो गई है।