क्या भारत की सीमेंट इंडस्ट्री अगले तीन वित्त वर्षों में 170 मिलियन टन बढ़ने जा रही है?

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क्या भारत की सीमेंट इंडस्ट्री अगले तीन वित्त वर्षों में 170 मिलियन टन बढ़ने जा रही है?

सारांश

भारत की सीमेंट इंडस्ट्री में अभूतपूर्व विस्तार की संभावना है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अगले तीन वर्षों में क्षमता 170 मिलियन टन तक पहुँचने का अनुमान है। जानें क्या हैं इसके पीछे के कारण और इससे जुड़ी संभावनाएँ।

Key Takeaways

  • सीमेंट क्षमता 160-170 मिलियन टन तक बढ़ने की उम्मीद।
  • अच्छी मांग और उच्च उपयोग से वृद्धि संभव।
  • अगले तीन वर्षों में 1.2 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय।
  • सीमेंट की मांग में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि।
  • ब्राउनफील्ड परियोजनाएँ जोखिम कम करती हैं।

मुंबई, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की सीमेंट इंडस्ट्री की क्षमता वित्त वर्ष 26 से वित्त वर्ष 28 के बीच 160 से 170 मिलियन टन तक बढ़ने की संभावना है, जो पिछले तीन वित्त वर्षों में बढ़ी 95 मिलियन टन की क्षमता से अधिक है। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

क्रिसिल की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस उद्योग की क्षमता में तेज वृद्धि का कारण अच्छी मांग और क्षमता का उच्च उपयोग है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि तेज विस्तार के चलते अगले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में पूंजीगत व्यय 1.2 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो पिछले तीन वित्त वर्षों में किए गए पूंजीगत व्यय की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। इस विस्तार का अधिकांश हिस्सा ब्राउनफील्ड परियोजनाओं के कारण जोखिम कम करता है और इसे अच्छे ऑपरेटिंग कैश फ्लो से फंड किया जाएगा।

इसके परिणामस्वरूप सीमेंट निर्माताओं का फाइनेंशियल लीवरेज, जिसे नेट डेट टू ईबीआईटीडीए से मापा जाता है, स्थिर रहेगा, जिससे क्रेडिट प्रोफाइल को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

यह रिपोर्ट 17 सीमेंट निर्माताओं के विश्लेषण पर आधारित है, जिनकी देश में 31 मार्च, 2025 तक स्थापित 668 मीट्रिक टन क्षमता में लगभग 85 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

पिछले तीन वित्तीय वर्षों में, सीमेंट की मांग में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है और उत्पादन की मात्रा 9.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ बढ़ी है, जो बुनियादी ढांचे और आवास जैसे प्रमुख क्षेत्रों द्वारा संचालित है। परिणामस्वरूप, पिछले वित्तीय वर्ष में क्षमता उपयोग लगभग 70 प्रतिशत तक बढ़ गया, जबकि दशकीय औसत 65 प्रतिशत था।

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आनंद कुलकर्णी ने कहा कि "वित्त वर्ष 2026-2028 में, सीमेंट निर्माताओं को सालाना 30-40 मीट्रिक टन की अच्छी वृद्धिशील मांग की उम्मीद है, जिससे क्षमताओं में मजबूत वृद्धि होगी।"

रिपोर्ट के अनुसार, क्षमता वृद्धि तो पर्याप्त है, लेकिन इससे जुड़े जोखिम आंशिक रूप से कम हो जाते हैं क्योंकि लगभग 65 प्रतिशत क्षमता वृद्धि ब्राउनफील्ड परियोजनाओं के माध्यम से की जाएगी, जिनमें निर्माण अवधि कम होती है और भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता सीमित होती है, जिससे पूंजी लागत कम होती है और कार्यान्वयन चुनौतियां भी कम होती हैं।

Point of View

बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। सरकार को इस क्षेत्र में निवेश और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियों को मजबूत करना चाहिए।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत की सीमेंट उद्योग की क्षमता कितनी बढ़ने की उम्मीद है?
भारत की सीमेंट उद्योग की क्षमता 160 से 170 मिलियन टन के बीच बढ़ने की उम्मीद है।
सीमेंट उद्योग की वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
इसकी वृद्धि का मुख्य कारण अच्छी मांग और क्षमता का उच्च उपयोग है।
सीमेंट उद्योग में पूंजीगत व्यय का अनुमान क्या है?
सीमेंट उद्योग में अगले तीन वर्षों में पूंजीगत व्यय 1.2 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
सीमेंट की मांग में वृद्धि के आंकड़े क्या हैं?
पिछले तीन वित्तीय वर्षों में सीमेंट की मांग 9.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ी है।
ब्राउनफील्ड परियोजनाओं का क्या महत्व है?
ब्राउनफील्ड परियोजनाएँ जोखिम को कम करती हैं और निर्माण अवधि को छोटा करती हैं।