क्या भारतीय मदद ने श्रीलंका में चक्रवात प्रभावितों के लिए संजीवनी दी?
सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सागर बंधु ने तत्काल राहत प्रदान की है।
- फील्ड हॉस्पिटल ने 2200 से अधिक रोगियों को चिकित्सा सेवाएं दीं।
- भारतीय सेना ने बेली ब्रिज का निर्माण किया।
- चिकित्सा टीमें प्रतिबद्ध हैं।
- भारत और श्रीलंका के संबंध मजबूत हो रहे हैं।
कोलंबो, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस) - श्रीलंका में चक्रवात दितवाह ने व्यापक तबाही फैलाई है। तेज बारिश, बाढ़ और कई स्थानों पर भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे कठिन समय में, भारत ने श्रीलंका की सहायता के लिए ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है। इस ऑपरेशन के अंतर्गत भारतीय एनडीआरएफ, वायुसेना और सेना निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई है।
भारत ने श्रीलंका के विभिन्न क्षेत्रों में फील्ड हॉस्पिटल स्थापित किए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायवाल ने सोशल मीडिया पर बताया कि कैंडी के निकट महियांगनया में 5 दिसंबर से कार्यरत फील्ड हॉस्पिटल ने अब तक चक्रवात दितवाह से प्रभावित 2200 से अधिक व्यक्तियों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की हैं।
इसके अलावा, 67 छोटी प्रक्रियाएं और 3 ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए हैं। भारतीय चिकित्सा टीमें श्रीलंकाई लोगों को समय पर देखभाल देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें सामान्य चोटों से लेकर गंभीर हालात वाले लोग भी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने पहले बताया था कि भारतीय वायुसेना द्वारा 3 दिसंबर को भेजा गया फील्ड हॉस्पिटल अब पूरी तरह से चालू है। इसने पहले 24 घंटों में दितवाह से प्रभावित लगभग 400 मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं दीं। 55 छोटी प्रक्रियाएं और 1 ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय चिकित्सा टीमें श्रीलंका के साथ खड़ी हैं और सुनिश्चित कर रही हैं कि जरूरतमंदों को समय पर देखभाल मिले।
राहत कार्य में केवल चिकित्सा सेवाएं ही नहीं, बल्कि सड़कें और कनेक्टिविटी भी महत्वपूर्ण हैं। बाढ़ से कई स्थानों पर पुल बह गए हैं, जिससे मदद पहुंचाना कठिन हो गया है। इस स्थिति में भारतीय सेना की इंजीनियरिंग टीम ने श्रीलंकाई प्रशासन के सहयोग से तीन बेली ब्रिज बनाए हैं। पहले सही स्थानों की पहचान की गई और फिर इन पुलों का निर्माण हुआ।
श्रीलंका आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लसंथा रोड्रिगो ने स्वयं भारतीय फील्ड हॉस्पिटल का दौरा किया। उन्होंने यहां तैनात चिकित्सा टीम से बातचीत की और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने प्रभावित समुदायों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में तेजी से सहायता के लिए भारत की प्रशंसा की।