क्या देश की जीडीपी का 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ना हमारी विकास केंद्रित नीतियों के प्रभाव को दर्शाता है?
सारांश
Key Takeaways
- जीडीपी में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है विकास केंद्रित नीतियों का प्रभाव।
- द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों का मजबूत प्रदर्शन है इस वृद्धि की कुंजी।
- सरकार ने नीतिगत स्थिरता और निरंतरता को बनाए रखा है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी का 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ना हमारी सरकार की विकास केंद्रित नीतियों के प्रभाव को दर्शाता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारे लोगों की कड़ी मेहनत और उद्यमशीलता का भी प्रतीक है। हमारी सरकार सुधारों को आगे बढ़ाती रहेगी और प्रत्येक नागरिक के लिए जीवन को आसान बनाने के प्रयासों को और मजबूत करेगी।
जीडीपी के मजबूत आंकड़ों पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था का मजबूत प्रदर्शन पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीतिगत स्थिरता और निरंतरता का परिणाम है, जो दीर्घकालिक स्थिरता और विकास को बढ़ावा दे रहा है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर हासिल की है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की विकास दर 5.6 प्रतिशत से काफी अधिक है।
इससे वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में विकास दर 8 प्रतिशत की हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 6.1 प्रतिशत थी।
मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर अवधि में देश की नॉमिनल जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की दर से इजाफा हुआ है।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रियल जीडीपी वृद्धि दर के आठ प्रतिशत से ऊपर निकलने की वजह द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन था।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में द्वितीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही है।
द्वितीयक क्षेत्र में शामिल मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है।
तृतीयक क्षेत्र में फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।