क्या भारत लागत प्रभावी इनोवेशन के साथ ग्लोबल टेक रेस में सबसे आगे है? : पीयूष गोयल

सारांश
Key Takeaways
- भारत की युवा आबादी और लागत प्रभावी अनुसंधान और विकास
- टेक्नोलॉजी में भारत का बढ़ता योगदान
- नौकरी चाहने वाले देश से नौकरी देने वाले देश में परिवर्तन
- इनोवेशन का आर्थिक विकास में योगदान
- विश्व स्तर पर नेतृत्व की प्राप्ति
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत अपनी युवा जनसंख्या, लागत प्रभावी आरएंडडी इकोसिस्टम और दूरदर्शी नीतियों के कारण टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत द्वारा एआई, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों को अपनाने से देश को वैश्विक विकास चार्ट में ऊपर उठने में मदद मिल रही है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा किए गए एक वीडियो संदेश में केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि भारत में इनोवेशन की लागत पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी कम है।
उन्होंने कहा, "जब हम भारत में नई तकनीकों पर कार्य करते हैं, तो हमारी लागत स्विट्जरलैंड या यूरोप या अमेरिका की लागत के लगभग छठे या सातवें हिस्से के बराबर होती है।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 12 बिलियन डॉलर के निवेश से भारत प्रभावी रूप से 100 बिलियन डॉलर के परिणाम उत्पन्न कर सकता है, जो विकसित देशों की लागत के बराबर है।
आईआईटी मद्रास एलुमनाई एसोसिएशन के संगम 2025 कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, "और जब हम उस पैसे को तीन या चार चक्रों में आगे बढ़ाएंगे, तो आप सोच सकते हैं कि यह फंड हमारे इनोवेशन इकोसिस्टम को कितना बड़ा समर्थन प्रदान कर सकता है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपने बढ़ते स्टार्टअप और रिसर्च परिदृश्य के कारण नौकरी चाहने वाले देश से नौकरी देने वाले देश में बदल रहा है।
उन्होंने कहा, "हमारी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हमारे स्टार्टअप इकोसिस्टम और आरएंडडी प्रयासों के साथ मिलकर भविष्य के भारत की विकास कहानी लिख रहे हैं।"
केंद्रीय मंत्री गोयल ने इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने का श्रेय देश के युवाओं को दिया और कहा कि भारत की युवा जनसंख्या सभी क्षेत्रों और सरकारी कार्यक्रमों में इनोवेशन, रिसर्च और टेक्नोलॉजी को अपनाने में अग्रणी है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत नई तकनीकों को अपनाने में पीछे नहीं रहता है और इसे आर्थिक विकास के लिए आवश्यक मानता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह तकनीकी दृष्टिकोण भारत को वैश्विक मंदी की प्रवृत्ति को रोकने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार और इनोवेशन में नेतृत्व बढ़ाने में मदद कर रहा है।"