क्या भारत को आंख दिखाएंगे तो कड़ा प्रहार किया जाएगा? : शशांक मणि

सारांश
Key Takeaways
- भारत की प्रगति तेज़ी से हो रही है।
- किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए भारत तैयार है।
- पाकिस्तान को आतंकवाद के बजाय प्रगति का रास्ता चुनना चाहिए।
- ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदमों की संभावनाएं हैं।
- नई इनकम टैक्स बिल 2025 करदाताओं के लिए सहायक होगा।
नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के देवरिया से सांसद शशांक मणि ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की ओर से पाकिस्तान को फटकार लगाए जाने पर कहा कि भारत तेजी से विकसित हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमें पाकिस्तान से कोई समस्या नहीं है। लेकिन, यदि कोई भारत को आंख दिखाने की कोशिश करेगा तो उसे कड़ा जवाब मिलेगा।
बुधवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान शशांक मणि ने बताया कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में, उन्होंने अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन का मुद्दा उठाया। हाल ही में अमेरिका ने टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित कर उसकी निंदा की है।
सांसद ने पाकिस्तान को सलाह देते हुए कहा कि उसे आतंकवाद फैलाने के बजाय अपने लोगों के लिए प्रगति का मार्ग अपनाना चाहिए, ताकि पाकिस्तानी लोग आगे बढ़ सकें। दुर्भाग्यवश, पाकिस्तान की सेना और नेता अपनी समस्याओं का समाधान करने के बजाय भारत पर हमले की कोशिश करते हैं। हमारे लिए आज पाकिस्तान से कोई समस्या नहीं है। देश विकसित भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यदि कोई भारत को आंख दिखाएगा, तो ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदम उठाए जाएंगे।
मानसून सत्र के दौरान सदन के बार-बार स्थगित होने पर शशांक मणि ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और लोकसभा में 16 घंटे की बहस का समय निर्धारित किया गया है। हालांकि, विपक्ष ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे अन्य मुद्दों को भी उठाया, जिन्हें वे चर्चा में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। शशांक मणि ने विपक्ष से सदन को सुचारू रूप से चलाने की अपील की और जोर दिया कि विकसित भारत के लक्ष्य के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, अन्यथा जनता विपक्षी गठबंधन को माफ नहीं करेगी।
शशांक मणि ने नए इनकम टैक्स बिल 2025 के बारे में कहा कि यह 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट को सरल बनाने के लिए लाया जा रहा है, ताकि सामान्य करदाताओं को टैक्स नियमों को समझने और पालन करने में आसानी हो। इस बिल का उद्देश्य 'इज ऑफ बिजनेस' और 'इज ऑफ लिविंग' को बढ़ावा देना है, जिससे लोगों को टैक्स प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया, जो कर प्रणाली को पारदर्शी और सुगम बनाएगा।