क्या पीएमएमएसवाई से भारत में मछली उत्पादन 38 प्रतिशत बढ़ा है?

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क्या पीएमएमएसवाई से भारत में मछली उत्पादन 38 प्रतिशत बढ़ा है?

सारांश

भारत में मछली उत्पादन में पीएमएमएसवाई योजना से हुई 38 प्रतिशत की वृद्धि ने देश की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह योजना मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान कर रही है और निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। जानें इस योजना के प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • पीएमएमएसवाई ने मछली उत्पादन में 38 प्रतिशत की वृद्धि की है।
  • भारत का मछली उत्पादन 2024-25 में 197.75 लाख टन पहुंच गया है।
  • निर्गत में 33.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • भारत की औसत मत्स्यपालन उत्पादकता 4.7 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है।
  • मत्स्य पालन क्षेत्र का जीवीए 3,68,124 करोड़ रुपए है।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में मछली उत्पादन 2024-25 में बढ़कर 197.75 लाख टन हो गया है। इसमें 2020 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के लॉन्च के बाद से 38 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। यह पहले 2019-20 में 141.60 लाख टन था। यह जानकारी सरकार की ओर से बुधवार को दी गई है।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मत्स्य पालन, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि यह वृद्धि मुख्य रूप से अंतर्देशीय मत्स्य पालन के विस्तार, समुद्री मत्स्य पालन विकास, मूल्य-श्रृंखला अवसंरचना को मजबूत करने और पीएमएमएसवाई योजना के तहत नीतिगत हस्तक्षेपों के कारण हुई है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत का मछली और मत्स्य उत्पादों का निर्यात वर्तमान में 62,408.45 करोड़ रुपए का है, जो इस क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाता है। 2020-21 में पीएमएमएसवाई के लागू होने के बाद से निर्यात आय में लगभग 33.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2019-20 में 46,662.85 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 62,408.45 करोड़ रुपए हो गई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएमएमएसवाई की शुरुआत से पहले भारत की औसत मत्स्यपालन उत्पादकता लगभग 3 टन प्रति हेक्टेयर थी, जो 2025 की शुरुआत तक बढ़कर लगभग 4.7 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है और अंतर्देशीय मछली उत्पादन में शीर्ष 5 राज्य आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा हैं।

मत्स्य पालन क्षेत्र का सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) 2023-24 के दौरान 3,68,124 करोड़ रुपए रहा, जबकि 2018-19 में यह 2,12,087 करोड़ रुपए था। कृषि क्षेत्र के जीवीए में मत्स्य पालन क्षेत्र की हिस्सेदारी 2018-19 में 7 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 7.55 प्रतिशत हो गई है।

मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र सरकार मत्स्य पालन प्रौद्योगिकी, जलीय कृषि और मूल्यवर्धन के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

इसके लिए सरकार मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला में कई तरह के उपायों का समर्थन कर रही है, जिनमें गुणवत्तापूर्ण मछली उत्पादन, जलीय कृषि का विस्तार, विविधीकरण और गहनता, निर्यात उन्मुख प्रजातियों को बढ़ावा देना, प्रौद्योगिकी का समावेश, सुदृढ़ रोग प्रबंधन और पता लगाने की क्षमता, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, निर्बाध शीत श्रृंखला और प्रसंस्करण सुविधाओं के साथ आधुनिक कटाईोत्तर अवसंरचना का निर्माण शामिल है।

Point of View

बल्कि निर्यात में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह योजना देश की खाद्य सुरक्षा और कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

पीएमएमएसवाई का मुख्य उद्देश्य क्या है?
पीएमएमएसवाई का मुख्य उद्देश्य भारत में मछली उत्पादन को बढ़ाना और मत्स्य पालन क्षेत्र को सशक्त बनाना है।
मछली उत्पादन में वृद्धि के पीछे के कारण क्या हैं?
इसकी वृद्धि का मुख्य कारण अंतर्देशीय और समुद्री मत्स्य पालन का विकास, मूल्य श्रृंखला अवसंरचना को मजबूत करना और नीतिगत हस्तक्षेप हैं।
भारत में मछली का निर्यात कितना है?
वर्तमान में भारत का मछली और मत्स्य उत्पादों का निर्यात 62,408.45 करोड़ रुपए है।
पीएमएमएसवाई योजना का प्रभाव कब से दिखना शुरू हुआ?
यह योजना 2020 में शुरू हुई थी, और इसके बाद से मछली उत्पादन में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारत के प्रमुख मछली उत्पादक राज्य कौन से हैं?
भारत के शीर्ष 5 अंतर्देशीय मछली उत्पादन करने वाले राज्य हैं आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा
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