भारत में नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में जबरदस्त उछाल क्यों हो रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- नई कंपनियों के पंजीकरण में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- कुल पंजीकृत कंपनियों की संख्या 28,96,943 हो गई है।
- सक्रिय कंपनियों का अनुपात 0.2 प्रतिशत बढ़ा है।
- सामुदायिक सेवा में 27 प्रतिशत कंपनियाँ शामिल हैं।
- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सबसे अधिक नए पंजीकरण हुए हैं।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नवीनतम मासिक बुलेटिन के अनुसार, इस वर्ष मई में भारत में नई कंपनियों के पंजीकरण में पिछले वर्ष की तुलना में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे यह संख्या 20,718 तक पहुँच गई है। यह आंकड़े देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी को दर्शाते हैं।
31 मई, 2025 तक, भारत में कुल पंजीकृत कंपनियों की संख्या 28,96,943 हो गई है, जिनमें से 65 प्रतिशत यानी 18,90,305 कंपनियां सक्रिय हैं।
मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल 2025 की तुलना में सक्रिय कंपनियों का अनुपात 0.2 प्रतिशत बढ़ा है।
पंजीकृत नई कंपनियों का आर्थिक गतिविधि के अनुसार वर्गीकरण दर्शाता है कि 27 प्रतिशत कंपनियां सामुदायिक, व्यक्तिगत और सामाजिक सेवाओं में हैं, इसके बाद 17 प्रतिशत व्यापार तथा 15 प्रतिशत मैन्युफैक्चरिंग और 15 प्रतिशत बिजनेस सर्विस में हैं।
राज्यवार विश्लेषण के अनुसार, मई 2025 में सबसे अधिक नए पंजीकरण महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में हुए।
महाराष्ट्र में 17 प्रतिशत यानी 3,458 नए कॉर्पोरेट पंजीकृत हुए, उत्तर प्रदेश में 11 प्रतिशत यानी 2,379 और दिल्ली में 9 प्रतिशत यानी 1,858 कंपनियां पंजीकृत हुईं।
31 मई, 2025 तक भारत में 5,247 विदेशी कंपनियां पंजीकृत थीं, जिनमें से 63 प्रतिशत यानी 3,293 कंपनियां सक्रिय थीं।
मार्च 2025 से मई 2025 के बीच कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत 28 नई विदेशी कंपनियों में से 21 प्रतिशत कर्नाटक में, 18 प्रतिशत हरियाणा और महाराष्ट्र में, 14 प्रतिशत गुजरात में, 11 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में, 7 प्रतिशत तेलंगाना में और 4-4 प्रतिशत मध्य प्रदेश, दिल्ली और तमिलनाडु में पंजीकृत हुईं।
आर्थिक गतिविधि वर्गीकरण के अनुसार, 61 प्रतिशत कंपनियों को सामुदायिक, व्यक्तिगत और सामाजिक सेवाओं के अंतर्गत रखा जा सकता है।
इस बीच, एचएसबीसी के फ्लैश परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स डेटा दर्शाता है कि जून में भारत के निजी क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि में तेजी आई है, जहां मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों और सर्विस फर्मों के बीच व्यावसायिक गतिविधि में भी सुधार हुआ है।
डेटा के अनुसार, कुल नए ऑर्डर इनटेक और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में विस्तार के साथ-साथ कुल रोजगार में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।