क्या सामाजिक सुरक्षा कवरेज में प्रगति पीएम मोदी की सशक्त नीतियों का प्रमाण है?

सारांश
Key Takeaways
- सामाजिक सुरक्षा कवरेज में पिछले एक दशक में हुई 45% वृद्धि।
- प्रधानमंत्री मोदी की सशक्त नीतियों का परिणाम।
- आयुष्मान भारत और अन्य योजनाओं की सफलता।
- ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का प्रभावी उपयोग।
- भारत की वैश्विक पहचान में सुधार।
नई दिल्ली, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में पिछले दशक में अद्भुत प्रगति हुई है। वर्ष 2015 में यह कवरेज केवल 19 प्रतिशत था, जबकि 2025 तक यह बढ़कर 64.3 प्रतिशत हो गया है। इस 45 प्रतिशत अंकों की वृद्धि देश की सामाजिक उन्नति का प्रतीक है।
इस उपलब्धि पर हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास जी महाराज ने कहा, “जैसे पवन पुत्र हनुमान जी संकटों का निवारण करते हैं, वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सनातन संस्कृति का परचम पूरे विश्व में फैला रहा है। पहले भारत सामाजिक सुरक्षा में पिछड़ रहा था, लेकिन अब यह विश्व में दूसरे स्थान पर है। यह सनातन संस्कृति और प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है।”
महंत ने आगे कहा, “पीएम मोदी की अगुवाई में भारत ने न सिर्फ सामाजिक सुरक्षा में प्रगति की है, बल्कि बेरोजगारी और भुखमरी को कम करने में भी सफलता पाई है। भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज की है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय सेना ने 40 मिनट के भीतर पाकिस्तान को जवाब देकर उसकी स्थिति कमजोर की, जबकि भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ। यह भारत की सशक्त नीतियों और नेतृत्व का प्रमाण है। भारत अब पूरे विश्व को एक दिशा और दशा देने की ओर बढ़ रहा है। पीएम मोदी भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना चाहते हैं। इस सफलता ने भारत को वैश्विक पहचान दिलाई है। सामाजिक सुरक्षा में यह प्रगति देश की नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करती है।”
महंत राजू दास ने कहा कि इटावा में उस कथा वाचक के साथ जो घटना घटी, वह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। किसी को भी किसी के बाल काटने या सिर मुंडवाने का अधिकार नहीं है। यदि कोई तिलक लगाए, धार्मिक वस्त्र पहने या गले में कंठी या माला पहने है, तो वह संत या साधु है। इस तरह का व्यवहार गलत है और इसे सही नहीं ठहराया जा सकता।
सामाजिक सुरक्षा कवरेज में यह प्रगति भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, और अटल पेंशन योजना जैसे कार्यक्रमों की सफलता को दर्शाती है। इन योजनाओं ने गरीब और कमजोर वर्गों तक स्वास्थ्य बीमा और पेंशन सुविधाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक और आधार कार्ड जैसी पहलों ने इन योजनाओं के कार्यान्वयन को और प्रभावी बनाया है।