क्या भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत बढ़ेगी और महंगाई दर घटेगी?

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क्या भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत बढ़ेगी और महंगाई दर घटेगी?

सारांश

क्रिसिल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का जीडीपी इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। घरेलू खपत में सुधार और सकारात्मक संकेतों के कारण महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या उल्लेख किया गया है।

Key Takeaways

  • भारत की जीडीपी 6.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
  • महंगाई दर औसतन 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • घरेलू खपत में सुधार से विकास को समर्थन मिलेगा।
  • आरबीआई की रेपो दर में कटौती की संभावना है।
  • सकल बाजार उधारी 14.8 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। क्रिसिल द्वारा सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। इसका मुख्य कारण घरेलू खपत में सुधार और अन्य सकारात्मक संकेत हैं।

क्रिसिल इंटेलिजेंस के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए सबसे बड़ा जोखिम अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न वैश्विक अस्थिरता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, सामान्य से बेहतर मानसून, आयकर में राहत और आरबीआई की एमपीसी द्वारा ब्याज दरों में कटौती से घरेलू खपत में सुधार और विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही, जो इससे पिछली तिमाही में 6.4 प्रतिशत थी। पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) में भी जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही।

रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य मुद्रास्फीति के नकारात्मक प्रभाव के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति जून में घटकर 2.1 प्रतिशत रह गई, जो पिछले 77 महीनों में सबसे कम है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है, "महंगाई के रुझान, सामान्य से बेहतर मानसून की भविष्यवाणी और वैश्विक स्तर पर तेल और कमोडिटी की कीमतों में नरमी की उम्मीद के आधार पर, हमारा अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 4 प्रतिशत रह जाएगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत थी।"

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में आरबीआई की रेपो दर में एक और कटौती और उसके बाद एक ठहराव की उम्मीद है।

इस वित्त वर्ष में सकल बाजार उधारी 14.8 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.8 प्रतिशत अधिक है। सरकार की योजना है कि वित्त वर्ष की पहली छमाही में बजटीय उधारी का 54 प्रतिशत पूरा किया जाए।

मई तक राजकोषीय घाटा इस वित्त वर्ष के बजट लक्ष्य का 0.8 प्रतिशत रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 3.1 प्रतिशत से कम है। यह वृद्धि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अधिक राजस्व प्राप्तियों और कम राजस्व व्यय के कारण हुई है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चालू खाता घाटा (सीएडी) इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद का औसतन 1.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 0.6 प्रतिशत था।

Point of View

लेकिन वैश्विक अस्थिरता का खतरा हमें सतर्क रहने की आवश्यकता बताता है। हमें घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए सतत प्रयास करने होंगे।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत की जीडीपी कितनी बढ़ने की उम्मीद है?
भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
महंगाई दर में क्या कमी आएगी?
महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद है, जो औसतन 4 प्रतिशत रह सकती है।
क्रिसिल ने रिपोर्ट कब जारी की?
क्रिसिल ने यह रिपोर्ट 21 जुलाई को जारी की थी।
क्या घरेलू खपत में सुधार हो रहा है?
हाँ, घरेलू खपत में सुधार होने के कारण जीडीपी में वृद्धि की उम्मीद है।
आरबीआई की रेपो दर में क्या बदलाव होगा?
इस वित्त वर्ष में आरबीआई की रेपो दर में एक और कटौती और फिर ठहराव की उम्मीद है।