क्या भारत के फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में अप्रैल-जून में 5.6 अरब डॉलर मूल्य के 79 लेनदेन हुए?

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क्या भारत के फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में अप्रैल-जून में 5.6 अरब डॉलर मूल्य के 79 लेनदेन हुए?

सारांश

भारत के फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में अप्रैल से जून के बीच कई महत्वपूर्ण लेनदेन हुए हैं। जानिए इस रिपोर्ट में क्या सही है और निवेशकों के लिए क्या अवसर हैं।

Key Takeaways

  • 5.6 अरब डॉलर के 79 लेनदेन हुए।
  • सौदों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • उच्च मूल्य की गतिविधियों ने 3.7 बिलियन डॉलर का योगदान दिया।
  • बैंकिंग क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण की वृद्धि की उम्मीद।
  • प्राइवेट इक्विटी में 1.9 अरब डॉलर के 57 सौदे हुए।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत के फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में अप्रैल से जून की अवधि में आईपीओ और क्यूआईपी गतिविधियों सहित 5.6 अरब डॉलर मूल्य के कुल 79 लेनदेन का आंकड़ा सामने आया है। यह जानकारी सोमवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत की 'दूसरी तिमाही फाइनेंशियल सर्विस डीलट्रैकर' रिपोर्ट के अनुसार, कुल सौदों की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली, जबकि मूल्य में 5 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापार तनावों के बीच एक संतुलित निवेश दृष्टिकोण देखने को मिला है।

रिपोर्ट के अनुसार, पब्लिक मार्केट गतिविधि को छोड़कर, इस सेक्टर ने 4.5 अरब डॉलर मूल्य के 73 सौदों का उल्लेख किया है, जो तिमाही आधार पर 12 प्रतिशत की वृद्धि लेकिन मूल्य में 10 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। इस गिरावट का मुख्य कारण घरेलू सौदों के मूल्य में 92 प्रतिशत की कमी है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि, उच्च मूल्य की गतिविधियां मजबूत बनी रहीं, जिसमें 100 मिलियन डॉलर से अधिक के छह सौदों ने मिलकर 3.7 बिलियन डॉलर का योगदान दिया।"

इस तिमाही में इस सेक्टर का कुल कारोबार में 14 प्रतिशत और कुल मूल्य में 33 प्रतिशत का योगदान रहा है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत में प्राइवेट इक्विटी ग्रुप और डील्स टैक्स एडवाइजरी लीडर, विशाल अग्रवाल ने कहा, "दूसरी तिमाही में छोटे-छोटे लेनदेन से प्रेरित उच्च सौदों की संख्या का रुझान जारी रहा, जिसमें विशेष रूप से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण बड़े सौदे शामिल थे।"

अग्रवाल ने आगे कहा कि जैसे-जैसे बैंक और लघु वित्त बैंकों में एकीकरण बढ़ता है और नियामक स्पष्टता में सुधार होता है, वैसे-वैसे हम इस सेक्टर में विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) और प्राइवेट इक्विटी (पीई) गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। फिनटेक निवेशकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है।

इसी बीच, विलय एवं अधिग्रहण की गतिविधियों में 2025 की दूसरी तिमाही में मंदी देखी गई, जिसमें पहली तिमाही की तुलना में मात्रा में 43 प्रतिशत और मूल्य में 35 प्रतिशत की गिरावट आई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तिमाही में 2.6 अरब डॉलर मूल्य के 16 सौदे दर्ज किए गए और पिछली तिमाही की तुलना में 35 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद घरेलू लेनदेन मात्रा में हावी रहे।

सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन द्वारा यस बैंक में 1.5 अरब डॉलर की हिस्सेदारी के अधिग्रहण के कारण, इस तिमाही में कुल एम एंड ए मूल्य में इनबाउंड सौदों का हिस्सा 88 प्रतिशत रहा, जो 2024 की दूसरी तिमाही के बाद से सबसे अधिक प्रतिशत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की दूसरी तिमाही में प्राइवेट इक्विटी (पीई) में उछाल आया और 1.9 अरब डॉलर मूल्य के 57 सौदे दर्ज किए गए, जो 2022 की दूसरी तिमाही के बाद से सबसे अधिक तिमाही मात्रा और 2023 की दूसरी तिमाही के बाद से सबसे अधिक मूल्य है।

Point of View

जो कि देश की आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत के फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में कितने लेनदेन हुए?
अप्रैल से जून की अवधि में भारत के फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में कुल 79 लेनदेन हुए हैं।
इन लेनदेन का कुल मूल्य क्या है?
इन लेनदेन का कुल मूल्य 5.6 अरब डॉलर है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि पब्लिक मार्केट गतिविधियों को छोड़कर 73 सौदों में 4.5 अरब डॉलर का मूल्य दर्ज किया गया।
क्या इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की संभावनाएं हैं?
हाँ, विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) और प्राइवेट इक्विटी गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।
कौन से बड़े सौदे हुए हैं?
यस बैंक में सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन द्वारा 1.5 अरब डॉलर की हिस्सेदारी का अधिग्रहण एक महत्वपूर्ण सौदा है।