क्या भारत ने चालू वित्त वर्ष में 23 गीगावाट रिन्यूएबल कैपेसिटी जोड़कर बड़ी उपलब्धि हासिल की?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने 23 गीगावाट रिन्यूएबल कैपेसिटी जोड़ी है।
- 2030 तक 500 गीगावाट का लक्ष्य।
- गैर-जीवाश्म ऊर्जा का आधा हिस्सा प्राप्त।
- सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि।
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत सौर ऊर्जा।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को घोषणा की कि भारत ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 23 गीगावाट (जीडब्ल्यू) रिन्यूएबल कैपेसिटी जोड़कर रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में शानदार प्रगति की है।
एफटी लाइव एनर्जी ट्रांजिशन समिट इंडिया में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह वृद्धि भारत की अद्भुत क्षमता को प्रदर्शित करती है, जो कई देशों के लिए वर्षों में भी संभव नहीं हो पाती।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस वित्त वर्ष में अब तक, भारत ने केवल 5 महीनों में 23 गीगावाट रिन्यूएबल कैपेसिटी जोड़ी है। यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिसे अधिकांश देश कई वर्षों में प्राप्त नहीं कर सकते।"
इसके साथ ही, देश की स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता लगभग 252 गीगावाट तक पहुंच गई है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया, "इसका मतलब है कि भारत 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी स्थापित करने के अपने लक्ष्य का आधा पड़ाव पार कर चुका है।"
जोशी ने यह भी कहा कि भारत अब अपनी कुल बिजली क्षमता का आधा हिस्सा गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त करता है।
उन्होंने बताया, "पेरिस जलवायु समझौते के तहत देश की प्रतिबद्धताओं के अनुसार, यह लक्ष्य निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही प्राप्त कर लिया गया है।"
उन्होंने उल्लेख किया कि भारत एकमात्र जी20 देश है, जिसने 2030 के अपने लक्ष्यों को 2021 की शुरुआत में ही पूरा कर लिया है।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लगभग 20 लाख घरों को पहले ही सौर ऊर्जा से सुसज्जित किया जा चुका है, जिसका लक्ष्य 1 करोड़ घरों तक पहुंचना है।
इस योजना के तहत 30 गीगावाट की रूफटॉप सौर क्षमता जुड़ने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में हाल के वर्षों में असाधारण वृद्धि देखी गई है, जिसमें सौर, पवन और हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं का तेजी से विस्तार हुआ है।
उन्होंने बताया कि देश की सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता अब 100 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो मार्च 2024 और मार्च 2025 के बीच दोगुनी हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इसी अवधि में, पीवी सेल निर्माण क्षमता 9 गीगावाट से तिगुनी होकर 25 गीगावाट हो गई और वर्तमान में यह 27 गीगावाट है।"