क्या इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अमेरिकी तेल की खरीदारी बढ़ाई है?

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क्या इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अमेरिकी तेल की खरीदारी बढ़ाई है?

सारांश

नई दिल्ली में, भारत ने अमेरिका से तेल की खरीदारी में बढ़ोतरी की है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अक्टूबर डिलीवरी के लिए अगस्त में 20 लाख बैरल तेल का ऑर्डर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा। जानें इस फैसले के पीछे के कारण और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने 20 लाख बैरल तेल का ऑर्डर दिया।
  • भारत ने अमेरिका से तेल की खरीदारी बढ़ाई है।
  • रूसी तेल की खरीदारी में वृद्धि हुई है।
  • भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की मजबूती।
  • ऊर्जा सुरक्षा के लिए विविधता लाना।

नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने अमेरिका से तेल की खरीदारी में वृद्धि की है। देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अक्टूबर डिलीवरी के लिए अगस्त में लगभग 20 लाख बैरल तेल का ऑर्डर दिया है।

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अक्टूबर डिलीवरी के लिए अगस्त में अमेरिकी कच्चे तेल का एक और खेप खरीदी है।

सिंगापुर से रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी के बाद, यह सौदा अक्टूबर डिलीवरी के लिए लगभग 20 लाख बैरल अमेरिकी तेल की खरीदारी की श्रृंखला का हिस्सा है।

इस बीच, भारत ने इराक में भू-राजनीतिक तनाव के कारण तेल की खरीदारी की जगह जून और जुलाई में दिए गए ऑर्डर के तहत अगस्त में प्रतिदिन 20 लाख बैरल रूसी तेल भी खरीदा।

केप्लर के अनुसार, रूसी आयात में यह वृद्धि इराक और सऊदी अरब की वजह से हुई है।

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस साल जनवरी से जून तक अमेरिका से भारत के तेल और गैस आयात में 51 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। देश का अमेरिका से लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) आयात वित्त वर्ष 2023-24 के 1.41 अरब डॉलर से लगभग दोगुना होकर वित्त वर्ष 2024-25 में 2.46 अरब डॉलर हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में आश्वासन दिया था कि भारत अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए अमेरिका से ऊर्जा आयात को 2024 के 15 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2025 में 25 अरब डॉलर कर देगा। इसके बाद सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय तेल और गैस कंपनियों ने अमेरिकी कंपनियों से और अधिक दीर्घकालिक ऊर्जा खरीद के लिए बातचीत शुरू की। नई दिल्ली ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह रूसी तेल पर निर्भरता कम करने के लिए अपने ऊर्जा आयात के स्रोतों में विविधता ला रहा है।

भारत ने बताया है कि वह रूसी तेल खरीद रहा है क्योंकि जी-7 देशों द्वारा लगाई गई मूल्य सीमा से कम कीमत पर ऐसी खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। वास्तव में, ऐसी खरीद की अनुमति देना अमेरिकी नीति का हिस्सा था क्योंकि बाजार में अधिक तेल होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी नहीं होगी। इसके अलावा, कम कीमतों पर खरीदारी ने रूस की कमाई को सीमित करने में भी मदद की।

इस बीच, नई दिल्ली ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत और अमेरिका के बीच एक बेहद महत्वपूर्ण स्ट्रैटेजिक संबंध है जो व्यापार से कहीं आगे जाता है।

सरकार ने कहा है कि भारत-अमेरिका संबंध बहुस्तरीय हैं और व्यापार इस "बेहद महत्वपूर्ण संबंध" का "केवल एक पहलू" है जो भू-राजनीतिक और रणनीतिक पहलुओं पर भी आधारित है।

सरकार ने विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति को यह भी सूचित किया है कि भारत-अमेरिका वार्ता के छठे दौर की योजना में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता हो सकता है।

Point of View

बल्कि यह भू-राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के सौदों से दोनों देशों के बीच सहयोग को और भी मजबूती मिलेगी।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने अमेरिका से तेल की खरीदारी क्यों बढ़ाई है?
भारत ने अमेरिका से तेल की खरीदारी बढ़ाई है क्योंकि इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा और व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने कितने बैरल तेल का ऑर्डर दिया है?
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अक्टूबर डिलीवरी के लिए अगस्त में लगभग 20 लाख बैरल तेल का ऑर्डर दिया है।
भारत ने रूसी तेल क्यों खरीदा है?
भारत ने रूसी तेल खरीदा है क्योंकि जी-7 देशों द्वारा लगाई गई मूल्य सीमा से कम कीमत पर ऐसी खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
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