क्या यूपी के चार जिलों में कफ सिरप का अवैध कारोबार हो रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- कोडीन युक्त कफ सिरप का अवैध व्यापार बढ़ रहा है।
- एफएसडीए ने 19 दवा फर्मों पर एफआईआर दर्ज की है।
- नशे के उपयोग के लिए दवाओं की बिक्री की जा रही थी।
- सरकार ने कार्रवाई कर कानून का पालन सुनिश्चित किया है।
- अवैध व्यापार में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा।
लखनऊ, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप और नारकोटिक्स (एनआरएक्स) श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार के खिलाफ कार्रवाई और भी तेज हो गई है। गंभीर अनियमितताओं के चलते खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने वाराणसी, सुल्तानपुर, भदोही और प्रयागराज की 19 दवा फर्मों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है।
जांच में यह सामने आया कि इन संस्थानों के संचालकों के पास कोडीन युक्त कफ सिरप और अन्य नारकोटिक दवाओं की खरीद-बिक्री से संबंधित आवश्यक दस्तावेज मौजूद नहीं थे। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि ये फर्में ऐसी दवाओं की बिक्री नशे के उपयोग के लिए कर रही थीं, जो कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
वाराणसी में राधिका इंटरप्राइजेज के प्रशांत उपाध्याय, मेड रेमेडी के आकाश पाठक, श्री हरि फार्मा के अमित जायसवाल, विश्वनाथ मेडिकल एजेंसी के विशाल सोनकर, सौम्या मेडिकल के सचिन पांडे, श्री राम फार्मा के घनश्याम, खाटू फार्मा के अभिनव यादव, काल भैरव ट्रेडर्स के बादल आर्य, विंध्यवासिनी ट्रेडर्स के सचिन यादव, श्याम फार्मा के राहुल कुमार जायसवाल, वीएसएम फर्म के हिमांशु चतुर्वेदी और पूर्णा फार्मा की पूजा तिवारी पर एफआईआर दर्ज की गई है।
सुल्तानपुर में वैभव फार्मा के वैभव श्रीवास्तव, वैश्य मेडिकल स्टोर के राजेश कसौधन, अमर फार्मा के पुष्पेंद्र कुमार सिंह और अनीश मेडिकल एजेंसी के अनीज खान पर भी मामला दर्ज हुआ है।
भदोही में श्री गुरुदेव मेडिकल एजेंसी, ओपी फार्मा के ओमप्रकाश कसेरा और प्रयागराज में आशुतोष फार्मा के आशुतोष पटेल की भी शिकायत की गई है।
एफएसडीए के आयुक्त रौशन जैकब ने इन सभी दवा फर्मों के लाइसेंस रद्द करने के निर्देश जारी किए हैं।
कोडीन युक्त सिरप और नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री पर एफएसडीए द्वारा की गई कार्रवाई में अब तक वाराणसी में 28, जौनपुर में 12, कानपुर नगर में 8, लखनऊ में 3 एफआईआर के अलावा चंदौली, बहराइच, सुल्तानपुर, गाजीपुर में 36 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस प्रकार, अब तक कुल 87 एफआईआर इस अवैध व्यापार के खिलाफ दर्ज की जा चुकी हैं।
एफएसडीए ने बताया कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य प्रतिष्ठानों और आपूर्तिकर्ताओं की जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि दवाओं के अवैध व्यापार में शामिल किसी भी व्यक्ति या फर्म को बख्शा नहीं जाएगा।