क्या भारत ने यूएन में पाकिस्तान के मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज उठाई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने यूएन में पाकिस्तान के मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज उठाई।
- पीओके में पाकिस्तान की सेनाओं के खिलाफ आरोप।
- भारत और वियतनाम के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा।
- भारत-मलेशिया रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा।
- भारत और अमेरिका के बीच नई रक्षा रूपरेखा पर हस्ताक्षर।
संयुक्त राष्ट्र, १ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में स्पष्ट रूप से मांग की है कि पाकिस्तान अपने 'गंभीर' मानवाधिकारों के हनन को समाप्त करे। भारत का आरोप है कि पीओके में पाकिस्तान की सेनाएं नागरिकों के विद्रोह को कुचलने का कार्य कर रही हैं।
यह महत्वपूर्ण बैठक, जिसमें भारतीय रक्षा मंत्री ने वियतनाम के अपने समकक्ष से बातचीत की, 19वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम) के अतिरिक्त हुई। दोनों मंत्रियों ने भारत और वियतनाम के बीच रक्षा सहयोग की स्थिति का मूल्यांकन किया और सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर विचार किया।
सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की गई तस्वीरों के साथ लिखा, "कुआलालंपुर में रक्षा मंत्री फान वान गियांग से मिलकर खुशी हुई।"
इससे पहले, उन्होंने मलेशिया के रक्षा मंत्री दातो सेरी मोहम्मद खालिद नॉर्डिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को बढ़ाने के लिए चर्चा हुई।
राजनाथ सिंह ने एक अन्य बैठक में अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ से भी मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने 10 वर्षीय 'अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा' पर हस्ताक्षर किए।
बैठक के बाद सिंह ने लिखा, "यह रक्षा रूपरेखा हमारे बढ़ते रणनीतिक संबंधों का प्रतीक है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगी।"
राजनाथ सिंह मलेशिया में 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) में भाग लेने के लिए गए हैं।