क्या चुनाव आयोग की कार्यशाला में तथ्यों को बताने और भ्रामक सूचनाओं का खंडन करने पर जोर दिया गया?

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क्या चुनाव आयोग की कार्यशाला में तथ्यों को बताने और भ्रामक सूचनाओं का खंडन करने पर जोर दिया गया?

सारांश

भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें तथ्यों को प्रस्तुत करने और भ्रामक सूचनाओं का खंडन करने पर जोर दिया गया। यह कार्यशाला कई महत्वपूर्ण सत्रों के माध्यम से सूचना के प्रसार को मजबूत करने का प्रयास है। जानें इस कार्यशाला के बारे में और क्या है इसके मुख्य बिंदु।

Key Takeaways

  • तथ्यों का महत्व समझना
  • गलत सूचना से निपटने के लिए उपाय
  • सीईओ कार्यालयों के संचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना
  • मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण पर ध्यान
  • भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ जागरूकता

नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालयों के लिए मीडिया एवं संचार अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में तथ्यों को प्रस्तुत करने और भ्रामक सूचनाओं का खंडन करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

कार्यशाला का आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ, जिसमें सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के कार्यालयों के मीडिया एवं संचार अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में 51 मीडिया नोडल अधिकारियों और सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि गलत सूचना के बढ़ते खतरे के संदर्भ में यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि देश में चुनाव संविधान के अनुसार सख्ती से आयोजित किए जाते हैं और भ्रामक सूचनाओं का तथ्यों के साथ मुकाबला करना चाहिए।

मीडिया और अन्य हितधारकों के साथ समय पर तथ्यात्मक जानकारी साझा करने के लिए सीईओ कार्यालयों के संचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सत्र आयोजित किए गए। कार्यशाला में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर समर्पित सत्र हुए। गलत सूचना का मुकाबला करने के लिए विभिन्न उपकरणों, तकनीकों और रणनीतियों पर एक विशेषज्ञ सत्र भी आयोजित किया गया।

यह कार्यशाला इस प्रकार की तीसरी बातचीत थी। इससे पहले 9 अप्रैल और 5 जून को नई दिल्ली के आईआईआईडीईएम में सीईओ कार्यालयों के मीडिया और संचार अधिकारियों के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।

Point of View

जो न केवल चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को बढ़ाता है, बल्कि मतदाताओं के बीच जागरूकता को भी बढ़ावा देता है।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत निर्वाचन आयोग की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य क्या था?
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य तथ्यों को प्रस्तुत करना और भ्रामक सूचनाओं का खंडन करना था।
इस कार्यशाला में कितने अधिकारियों ने भाग लिया?
इस कार्यशाला में 51 मीडिया नोडल अधिकारियों और सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों ने भाग लिया।