क्या अमेरिका के टैरिफ के बाद भारत ने चुनौती को संभावना के रूप में लिया?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका का 25 प्रतिशत टैरिफ भारत पर लागू हुआ है।
- भारत के लिए यह एक संभावित अवसर है।
- रंजीत मेहता ने चुनौती को अवसर में बदलने की बात कही।
- सप्लाई चेन को रिअलाइन करने की आवश्यकता है।
- विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा को बनाए रखना होगा।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया। पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव रंजीत मेहता ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
रंजीत मेहता ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ शुल्क लगाया है। यह सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि अधिक निर्यात करने वाले चीन, वियतनाम और बांग्लादेश समेत सभी देशों पर टैरिफ शुल्क लागू हुआ है। इसमें भी वियतनाम और चाइना में बहुत अधिक ड्यूटी लगाई गई है।"
उन्होंने कहा, "आखिरकार जो चुनौती है, वह यह है कि अमेरिका अपनी ट्रेड पॉलिसी को कैलिब्रेट कर रहा है। पूरी दुनिया बदल रही है। इस बीच, मैं समझता हूं कि हमारे एमएसएमई और इंडस्ट्री के लिए एक चुनौती है, लेकिन भारत के पास ऐसा अवसर है कि सप्लाई चेन को रिअलाइन किया जा सकता है। दुनिया के कई देश यह जानने के लिए प्रयासरत हैं कि वे अपनी सप्लाई चेन को कैसे रिअलाइन करें।"
उन्होंने कहा, "ऐसे में भारत सबसे भरोसेमंद ग्लोबल पार्टनर के रूप में उभर रहा है। दुनिया में कई ऐसी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां हैं जो भारत में अपनी सप्लाई चेन स्थापित करना चाहती हैं। जब भी ऐसी चुनौती सामने आई है, भारत ने उसे संभावना के रूप में लिया है।"
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त दंडात्मक शुल्क लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला 1 अगस्त से लागू होगा। यह घोषणा ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर की। ट्रंप ने कहा कि यह निर्णय भारत द्वारा रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीदने को लेकर भी लिया गया है।
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अमेरिका को भारत के साथ व्यापार घाटे का सामना करना पड़ रहा है।