क्या भारत रिसर्च के क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है?

Click to start listening
क्या भारत रिसर्च के क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वें अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड में भारत की खगोल विज्ञान में उपलब्धियों और रिसर्च के लिए अरबों डॉलर के निवेश पर जोर दिया। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने और नवाचार के महत्व को रेखांकित किया। जानिए भारत कैसे विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया को प्रभावित कर रहा है।

Key Takeaways

  • भारत रिसर्च में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है।
  • 18वें अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड में खगोल विज्ञान का महत्व।
  • युवाओं को वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
  • महिलाओं की भागीदारी एसटीईएम क्षेत्रों में बढ़ रही है।
  • अटल टिंकरिंग लैब्स में 1 करोड़ से अधिक छात्र शामिल हैं।

नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के 18वें अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड में भाग लिया और इस अवसर पर परंपरा और नवाचार के संगम का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि भारत रिसर्च के क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है।

उन्होंने भारत के ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए कहा, "64 देशों के 300 से अधिक सितारों से जुड़ना मेरे लिए गर्व की बात है। भारत एक ऐसा देश है जहां परंपरा और नवाचार का मेल होता है, जहां आध्यात्मिकता और विज्ञान का संगम है, और जहां जिज्ञासा रचनात्मकता के साथ मिलती है।" भारत ने सदियों से आकाश का अध्ययन किया है और महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर खोजता रहा है।

उन्होंने 5वीं शताब्दी के गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के कार्य का जिक्र करते हुए कहा, "उदाहरण के लिए, आर्यभट्ट ने 'शून्य' की खोज की थी और सबसे पहले कहा था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है। वास्तव में, उन्होंने शून्य से शुरुआत की और इतिहास रचा।"

उन्होंने भारत की आधुनिक उपलब्धियों को उजागर करते हुए लद्दाख में 4,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे ऊंची खगोलीय वेधशाला का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "आज हम लद्दाख में ऐसी वेधशाला की मेज़बानी कर रहे हैं, जो समुद्र तल से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर है, और यह तारों के बेहद करीब है। पुणे में हमारा जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप दुनिया के सबसे संवेदनशील टेलीस्कोपों में से एक है, जो पल्सर, क्वासर और आकाशगंगाओं के रहस्यों को समझने में मदद कर रहा है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत गर्व के साथ स्क्वायर किलोमीटर ऐरे और एलआईजीओ-भारत जैसी वैश्विक मेगा-विज्ञान परियोजनाओं में योगदान दे रहा है। दो साल पहले, हमारे चंद्रयान-3 ने इतिहास रचा। हम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने वाले पहले देश बने। हमने आदित्य-एल1 सौर वेधशाला के साथ सूर्य पर भी नजरें गड़ाई हैं, जो सौर ज्वालाओं, तूफानों और सूर्य के मिजाज पर नजर रखता है। पिछले महीने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अपना ऐतिहासिक मिशन पूरा किया। यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण था और युवा खोजकर्ताओं के लिए प्रेरणादायक है।"

उन्होंने कहा, "भारत वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा देने और युवा दिमागों को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। अटल टिंकरिंग लैब्स में 1 करोड़ से अधिक छात्र प्रयोगों के माध्यम से एसटीईएम अवधारणाओं को समझ रहे हैं, जिससे सीखने और नवाचार की संस्कृति विकसित हो रही है। ज्ञान को सुलभ बनाने के लिए हमने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' योजना शुरू की है, जो लाखों छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तक मुफ्त पहुंच प्रदान करती है। आपको जानकर खुशी होगी कि भारत एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी में अग्रणी है। विभिन्न पहलों के तहत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में अरबों डॉलर का निवेश किया जा रहा है। हम दुनिया भर के युवा दिमागों को भारत में अध्ययन, शोध और सहयोग के लिए आमंत्रित करते हैं। कौन जानता है, अगला बड़ा वैज्ञानिक खोज शायद ऐसे सहयोग से ही हो।

Point of View

बल्कि युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित भी कर रही हैं। यह पहल देश के लिए एक उज्जवल भविष्य का संकेत है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत रिसर्च के क्षेत्र में कितना निवेश कर रहा है?
भारत रिसर्च के क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है, जिससे युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहन मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने किस विषय पर ओलंपियाड को संबोधित किया?
प्रधानमंत्री मोदी ने खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी पर 18वें अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड को संबोधित किया।
भारत में विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है?
भारत एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी में अग्रणी है, जो विज्ञान में समग्र विकास का प्रतीक है।
भारत की प्रमुख खगोलीय वेधशालाओं में से एक कौन सी है?
लद्दाख में 4,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे ऊंची खगोलीय वेधशाला भारत की प्रमुख वेधशाला है।
अटल टिंकरिंग लैब्स का उद्देश्य क्या है?
अटल टिंकरिंग लैब्स का उद्देश्य छात्रों में एसटीईएम अवधारणाओं को समझाना और नवाचार की संस्कृति को विकसित करना है।