क्या भारत-रूस की दोस्ती 'ध्रुवतारे' जैसी है? आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश एकजुट हैं: पीएम मोदी

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क्या भारत-रूस की दोस्ती 'ध्रुवतारे' जैसी है? आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश एकजुट हैं: पीएम मोदी

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और रूस के बीच की मित्रता को ध्रुवतारे की तरह बताया है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता पर भी जोर दिया है। इस महत्वपूर्ण वार्ता में आर्थिक सहयोग और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई। जानें, उनकी क्या बातें रही।

Key Takeaways

  • भारत और रूस की मित्रता ध्रुवतारे की तरह स्थिर है।
  • आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों की एकजुटता महत्वपूर्ण है।
  • आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना प्राथमिकता है।
  • यूरिया उत्पादन में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
  • भारत और रूस के बीच सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद साझा बयान में कहा कि भारत और रूस की मित्रता एक ध्रुवतारे की तरह है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और रूस एकजुट हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "आज भारत और रूस के 23वीं शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक मील के पत्थर के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारे साझेदारी को विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक का दर्जा मिला। पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूर दृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।"

पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है। परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की है। आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना हमारी साझी प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक इकोनॉमिक कॉरपोरेशन प्रोग्राम पर सहमति बनाई है।"

उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे भारत-रूस व्यापार मंच में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे व्यापार संबंधों को नई ताकत देगा। इससे निर्यात, सह-उत्पादन और सह नवाचार के नए दरवाजे भी खुलेंगे। दोनों पक्ष यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ एफटीए के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और फर्टिलाइजर के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग खाद्य सुरक्षा और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन का प्रयास कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि अब हम भारत के नाविकों की पोलर वाटर में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे। उसी प्रकार से जहाज निर्माण में हमारा गहरा सहयोग मेक इन इंडिया को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारे शानदार सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे नौकरियां, कौशल और क्षेत्रीय संपर्क सभी को बल मिलेगा। ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, स्वच्छ ताकत की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस सहयोग को जारी रखेंगे, जिसमें हम दोनों का फायदा है। महत्वपूर्ण खनिज में हमारा सहयोग पूरे विश्व में सुरक्षित और विविध आपूर्ति श्रृंखलाएं सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे स्वच्छ ऊर्जा, उच्च तकनीक विनिर्माण और नए युग के उद्योग में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।"

पीएम मोदी ने कहा कि आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर किया गया कायरतापूर्ण आघात, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवीय मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

Point of View

वे न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। भारत का दृष्टिकोण हमेशा से शांति और सहयोग पर आधारित रहा है।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और रूस के संबंधों का महत्व क्या है?
भारत और रूस के संबंध ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व के हैं, जो दोनों देशों के बीच स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और इस पर वैश्विक एकता की आवश्यकता है।
क्या आर्थिक सहयोग पर चर्चा हुई?
हाँ, आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए 2030 तक के लिए एक इकोनॉमिक कॉरपोरेशन प्रोग्राम पर सहमति बनी है।
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