क्या भारत सरकार को अमेरिका से सख्ती से निपटना चाहिए?: सांसद सुखजिंदर रंधावा

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका और पाकिस्तान की नीतियों पर भारत को ध्यान देने की आवश्यकता है।
- सुखजिंदर रंधावा का मानना है कि सख्त कदम उठाने का समय आ चुका है।
- भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ मिलकर काम करना होगा।
नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और सेनाध्यक्ष से मुलाकात को अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार अमेरिका से सख्ती से निपटे।
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि अमेरिका को पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों का विरोध करना चाहिए और इसे आतंकी देश घोषित करना चाहिए, लेकिन यह दुखद है कि अमेरिका इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है।
जब भी हम पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हैं, अमेरिका उसका समर्थन करने में जुट जाता है। हमें अपने पड़ोसी देशों को साथ लेकर पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट होना होगा।
इसके साथ ही अमेरिका को यह संदेश भी देना होगा कि हम इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।
रंधावा ने कहा कि पाकिस्तान ने पंजाब में आतंकवाद फैलाने के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए थे, जहाँ आतंकियों को प्रशिक्षित किया गया। पंजाब में बाढ़ के दौरान भी पाकिस्तान ने अपनी आतंकी गतिविधियों को जारी रखा। अब समय आ गया है कि हम आर-पार की लड़ाई करें।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि हमें अपनी फर्स्ट डिफेंस लाइन को मजबूत करना होगा। यदि हम पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाते, तो वह आने वाले समय में पंजाब में अशांति फैलाने के लिए कदम उठा सकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी देशविरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकती। कांग्रेस के पूर्वजों ने अपना जीवन देश की आजादी के लिए समर्पित किया। ऐसे में हमें भाजपा या किसी अन्य से देशभक्ति का प्रमाण पत्र नहीं चाहिए। मैं भाजपा से कहना चाहता हूँ कि यदि उन्हें देशभक्ति दिखानी है, तो उन्हें आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए।