क्या भारत-यूके एफटीए से घरेलू अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-यूके एफटीए से कई क्षेत्रों को लाभ होगा।
- कृषि क्षेत्र को विशेष लाभ मिलेगा।
- आर्थिक और व्यापार समझौता सीईटीए को ऐतिहासिक माना जा रहा है।
- बाहरी व्यापार संबंधों के लिए और मुक्त व्यापार समझौतों की आवश्यकता है।
- भारत में १० लाख रोजगार सृजित होंगे।
मुंबई, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) से देश के कई क्षेत्रों को आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सर्विसेज इंडस्ट्री तक शामिल हैं। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को साझा की।
आरबीआई के प्रमुख ने कहा कि बहुपक्षवाद का युग अब समाप्त हो चुका है और भारत को अन्य देशों के साथ और अधिक मुक्त व्यापार समझौतों की आवश्यकता है।
मल्होत्रा ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, "ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) ही विकास का मार्ग है, क्योंकि दुर्भाग्यवश बहुपक्षवाद पीछे छूट गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता भी उन्नत चरण में है।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि कई अन्य व्यापार समझौतों पर भी चर्चाएं चल रही हैं।
लंदन में राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कई देशों के साथ व्यापार संबंधों को सुधारने के लिए चर्चाएं जारी हैं। भारत ने ब्रिटेन के साथ एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे दोनों देशों के लिए अरबों डॉलर के अवसर खुलेंगे।
वाणिज्य मंत्री ने कहा, "न्यूजीलैंड, ओमान, चिली, पेरू और यूरोपीय संघ के साथ बहुत अच्छी चर्चाएं चल रही हैं। अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर भी सकारात्मक वार्ता चल रही है। मेरा विश्वास है कि इन सभी वार्ताओं के अच्छे परिणाम आएंगे।"
भारत और अमेरिका की टीमों ने वाशिंगटन डीसी में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए पांचवें दौर की वार्ता समाप्त कर ली है।
भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) आधिकारिक तौर पर १ अक्टूबर से लागू होगा, जिससे भारत में १० लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
आरबीआई गवर्नर ने भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) को एक "ऐतिहासिक छलांग" बताया है। यह देश भर के श्रमिकों, किसानों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को सशक्त बनाएगा।
मल्होत्रा ने कहा कि यूके एफटीए भारतीय अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में सहायक सिद्ध होगा। इस समझौते के तहत कृषि क्षेत्र को विशेष लाभ होगा, जहां लगभग ९५ प्रतिशत भारतीय कृषि उत्पादों को यूके में शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी।