क्या भारत वैश्विक व्यापार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत अब वैश्विक व्यापार में अपनी उपस्थिति बढ़ा सकता है।
- भारतीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनानी होगी।
- इजरायल के साथ नया निवेश समझौता हुआ है।
- ग्लोबल वैल्यू चेन में भारत की भागीदारी बढ़ रही है।
- निवेश और आरएंडडी में ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के पार्टनर और एमडी अभिषेक भाटिया ने बुधवार को बताया कि भारत वैश्विक व्यापार में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
भारत मंडपम में आयोजित दो दिवसीय इवेंट ‘फिक्की लीड्स’ के दौरान भाटिया ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "मेरा मानना है कि अतीत में ग्लोबल वैल्यू चेन मुख्यतः ईस्ट एशिया पर केंद्रित थीं। अब समय आ गया है कि भारत वैश्विक व्यापार में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हम पहले हाशिये पर थे, लेकिन अब हम ग्लोबल वैल्यू चेन के निर्माण में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सकते हैं, जो हमारी अर्थव्यवस्था और प्रगति के लिए अत्यंत लाभकारी है।"
फिक्की कैपिटल गुड्स कमेटी की अध्यक्ष रमा किर्लोस्कर ने आईएएनस से कहा, "मेरा मानना है कि कई देशों के लोग एकत्रित होकर अपने विचार साझा कर रहे हैं। इसमें विभिन्न सरकारों के कई गणमान्य लोग भी शामिल हैं। इसीलिए यह एक बड़ी सफलता है।"
उन्होंने कार्यक्रम के मंच से कहा कि भारतीय कंपनियों को अपने सहज दायरे से आगे बढ़कर वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। कंपनियों को लोकल वैल्यू एडिशन के साथ आरएंडडी और इनोवेशन में निवेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
किर्लोस्कर ने कहा, "पारस्परिक पहुंच और सही नीतिगत समर्थन के साथ भारतीय कंपनियां चुनौतियों को वैश्विक नेतृत्व के अवसरों में बदल सकती हैं।"
इजरायल के वित्त मंत्रालय के मुख्य अर्थशास्त्री शमूएल अब्रामजोन ने बताया कि इजरायल के साथ एक निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो एक व्यापार समझौते से कहीं अधिक है।
उन्होंने कहा, "यह एक बेहद रोमांचक उपलब्धि है। हम आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के पहले देश हैं, जिन्होंने भारत के साथ इस प्रकार का समझौता किया है, और इससे दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ावा मिलने की संभावना है।"