क्या नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना पूरी तरह अलर्ट है? व्हाइट नाइट कोर के जीओसी ने अग्रिम इलाकों का दौरा किया
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर तैयारियों का गहन निरीक्षण किया।
- लेफ्टिनेंट जनरल ने जवानों की हौसला अफजाई की।
- आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है।
- सेना हर परिस्थिति में मुस्तैद रहने के लिए तैयार है।
- कश्मीर में सुरक्षा हालात पर नजर रखी जा रही है।
जम्मू-कश्मीर, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना के व्हाइट नाइट कोर के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल एम. वी. सुचिंद्र कुमार ने मंगलवार को ऐस ऑफ स्पेड्स डिवीजन के जीओसी के साथ मिलकर भीमबेर गली सेक्टर में नियंत्रण रेखा के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया। इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्तमान सुरक्षा परिस्थितियों और सेना की तैयारियों की गहरी समीक्षा की।
जीओसी ने नियंत्रण रेखा पर ड्यूटी कर रहे सैनिकों से सीधी बातचीत की। सैनिकों ने उन्हें अपनी तैयारियों, चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों, निगरानी व्यवस्था में सुधार, दुश्मन पर सटीक निशाना साधने की क्षमता और कुल मिलाकर ऑपरेशनल ताकत को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी। सेना के अनुसार, आधुनिक हथियारों, नाइट विजन उपकरणों और ड्रोन जैसी नई तकनीक का उपयोग लगातार बढ़ रहा है, ताकि हर मौसम और स्थिति में दुश्मन की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा सके।
लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार ने जवानों की हौसला अफजाई की और कहा कि भविष्य में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हर समय सजग रहना आवश्यक है। उन्होंने सैनिकों से कहा कि अपनी तैयारियों को और मजबूत करें, परिचालन कौशल को निरंतर सुधारते रहें और किसी भी परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए हमेशा तैनात रहें। जवानों ने जीओसी को विश्वास दिलाया कि नियंत्रण रेखा की हर इंच जमीन की सुरक्षा के लिए वे चौबीसों घंटे तत्पर हैं।
सेना के अनुसार, इस दौरे से यह स्पष्ट है कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क है और किसी भी घुसपैठ या चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर तरह से तैयार है। ठंड बढ़ने के साथ पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें संभवतः बढ़ सकती हैं, लेकिन हमारी सेना हर खतरे को निष्प्रभावी करने के लिए पूरी ताकत से डटी हुई है।