क्या भारतीय सेना की असॉल्ट राइफल्स के लिए इमेज इंटेंसिफायर और लाइटवेट मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम की डील हुई है?

सारांश
Key Takeaways
- एडवांस नाइट साइट की खरीद से सेना की दृष्टि क्षमता में सुधार होगा।
- लाइटवेट मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम की तैनाती से विभिन्न परिचालन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ेगी।
- रक्षा मंत्रालय का यह कदम स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा।
- इन सौदों से सेना की सामरिक दक्षता में वृद्धि होगी।
- ये कदम भारत की रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना को आधुनिक हथियार और उपकरण प्रदान करने के उद्देश्य से बुधवार को दो महत्वपूर्ण सौदों पर सहमति बनी। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की असॉल्ट राइफल्स के लिए एडवांस नाइट साइट (इमेज इंटेंसिफायर) और उसके सहायक उपकरणों की खरीद के लिए 659.47 करोड़ रुपए का अनुबंध किया है। यह एसआईजी-716 असॉल्ट राइफल की लंबी मारक क्षमता का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगा।
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि नई नाइट साइट्स 500 मीटर की प्रभावी दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम हैं। इसकी एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह कम रोशनी में भी कार्य कर सकती है। ये उपकरण वर्तमान पैसिव नाइट साइट्स की तुलना में कहीं अधिक उन्नत हैं, जिससे सेना की क्षमताओं में वृद्धि होगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सौदा स्वदेशी खरीद श्रेणी में आता है, जिसमें 51 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल है। यह कदम रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मंत्रालय का कहना है कि इससे एमएसएमई क्षेत्र को भी लाभ होगा।
इसके अलावा, भारतीय सेना ने लाइटवेट मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए अनुबंध किया है। आर्मी एयर डिफेंस कोर ने एमएस थेल्स, यूके के साथ इस मिसाइल सिस्टम की खरीद का सौदा किया है।
सेना के अनुसार, यह हल्का, मानव द्वारा वहन किया जाने वाला मिसाइल सिस्टम है, जिसे विभिन्न परिचालन क्षेत्रों, विशेषकर उच्च पर्वतीय इलाकों में तैनात किया जा सकता है। यह लेजर बीम राइडिंग तकनीक पर आधारित है, जो आधुनिक हवाई प्लेटफॉर्म्स की चालों से अप्रभावित रहती है। सेना का कहना है कि यह मिसाइल विमान, हेलीकॉप्टर, यूएवी और यूसीएवी जैसे कम आईआर सिग्नेचर वाले लक्ष्यों को 6 किमी से अधिक दूरी तक किसी भी मौसम में नष्ट करने में सक्षम है। इसमें उन्नत विजन प्रणाली, प्रॉक्सिमिटी फ्यूज और उच्च-विस्फोटक वारहेड के कारण एकल प्रहार में लक्ष्य भेदने की उच्च क्षमता है।
यह प्रणाली 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उच्च-मूल्य वाले ड्रोन और यूएवी लक्ष्यों की पहचान और विनाश के लिए विशेष रूप से खरीदी गई है। दोनों अनुबंध भारत की रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जो सैनिकों की सामरिक दक्षता और राष्ट्र की रक्षा तत्परता को मजबूत करेंगे।