क्या भरूच डबल मर्डर केस में एनआईए की कार्रवाई से डी-कंपनी गिरोह कमजोर होगा?

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क्या भरूच डबल मर्डर केस में एनआईए की कार्रवाई से डी-कंपनी गिरोह कमजोर होगा?

सारांश

2015 के भरूच डबल मर्डर केस में एनआईए ने मोहम्मद यूनुस उर्फ मंजरो की संपत्ति कुर्क की। क्या इससे डी-कंपनी गिरोह की गतिविधियों पर असर पड़ेगा? जानिए इस मामले की गहराई और एनआईए की कार्रवाई के पीछे की रणनीति।

Key Takeaways

  • एनआईए की कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
  • डी-कंपनी गिरोह को कमजोर करने का प्रयास।
  • मोहम्मद यूनुस की संपत्तियां कुर्क।
  • भरूच डबल मर्डर केस की गहराई।
  • आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति.

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 2015 के भरूच डबल मर्डर मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पाकिस्तान स्थित डी कंपनी गिरोह के खिलाफ ठोस कदम उठाते हुए आरोपी मोहम्मद यूनुस उर्फ मंजरो की दो अचल संपत्तियां कुर्क की हैं।

अहमदाबाद स्थित एनआईए की विशेष अदालत के आदेश पर, केंद्रीय जांच एजेंसी ने यूए (पी) अधिनियम की धारा 33 (1) के तहत गिरफ्तार आरोपियों की संपत्तियों को कुर्क किया है। इस प्रक्रिया में, डी-कंपनी गिरोह के सदस्य मोहम्मद यूनुस की कुर्क की गई संपत्तियों में भरूच शहर के वार्ड नंबर-3 में स्थित दो आवासीय घर शामिल हैं।

नवंबर 2015 में भाजपा कार्यकर्ता शिरीष बंगाली और प्रग्नेश मिस्त्री के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और हत्या के मामले में मोहम्मद यूनुस को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए द्वारा किए गए ये कदम पाकिस्तान से संचालित डी-कंपनी गिरोह के आतंकी तंत्र को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

गौरतलब है कि गुजरात के भरूच में 2 नवंबर 2015 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शिरीष बंगाली और प्रग्नेश मिस्त्री की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों नेता अपने कार्यालय में एक साथ बैठे थे, तभी कुछ व्यक्तियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिससे दोनों की मृत्यु हो गई। शिरीष बंगाली भरूच भाजपा के पूर्व अध्यक्ष थे और प्रग्नेश मिस्त्री भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव थे।

पहले भरूच पुलिस और बाद में गुजरात एटीएस ने इस मामले की जांच की थी। बाद में यह मामला एनआईए को सौंपा गया। एनआईए द्वारा प्रस्तुत आरोपपत्र में कहा गया है कि जांच में पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में स्थित सह आरोपी शामिल थे। इस डबल मर्डर मामले में भी डी कंपनी का हाथ पाया गया था।

Point of View

बल्कि यह आतंकवादी संगठनों को भी एक संदेश है कि वे हमारे देश में अपने नापाक इरादों को अंजाम नहीं दे सकते।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

एनआईए ने मोहम्मद यूनुस की संपत्तियां क्यों कुर्क कीं?
एनआईए ने मोहम्मद यूनुस की संपत्तियां कुर्क कीं क्योंकि वह 2015 के भरूच डबल मर्डर केस में आरोपी हैं और उनकी संपत्तियों का संबंध डी-कंपनी गिरोह से है।
क्या डी-कंपनी गिरोह का भारत में कोई प्रभाव है?
जी हां, डी-कंपनी गिरोह का भारत में प्रभाव है और एनआईए उनकी गतिविधियों को रोकने के लिए सक्रिय है।
भरूच डबल मर्डर केस में क्या हुआ था?
इस मामले में भाजपा के नेता शिरीष बंगाली और प्रग्नेश मिस्त्री की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।