क्या भोपाल में किसानों की समस्याओं को लेकर धरना सफल होगा?
सारांश
Key Takeaways
- धरने में किसानों की खाद और अन्य समस्याओं को उठाया गया।
- किसानों ने मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग की।
- फसल मुआवजे के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ की मांग की गई।
- खाद वितरण पंचायतों के माध्यम से करने की अपील की गई।
- सरकार से किसानों के नियमितीकरण का आश्वासन दिया गया।
भोपाल, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। किसानों की खाद और अन्य समस्याओं को लेकर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक धरना आयोजित किया। धरने की अगुवाई रघु ठाकुर ने की, जिसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों की समस्याओं के साथ-साथ चिकित्सा से जुड़ी अन्य मांगों को लेकर सरकार से कार्रवाई की अपील की गई।
धरने के दौरान यह बताया गया कि कटनी जिले के अमाडी में दबंगों द्वारा आम रास्ते पर कब्जा किया गया है। इसी तरह, भिंड में बरुआ नगर के दबंगों ने सार्वजनिक रास्ते को बंद कर दिया है। शहडोल और अन्य क्षेत्रों में भी सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध कब्जे किए गए हैं, जिन्हें हटाने की मांग की गई।
पार्टी ने यह भी कहा कि कटनी और भिंड में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएं। मध्य प्रदेश सरकार ने कई बार अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का आश्वासन दिया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अतिथि विद्वानों को सरकार द्वारा समय पर नियमित किया जाना चाहिए।
राज्य की खादखाद वितरण पंचायत के माध्यम से किया जाए, ताकि किसानों को शहरों में दौड़ने की आवश्यकता न पड़े।
पार्टी ने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि से फसलें नष्ट हो गई हैं, इसलिए इन पीड़ित किसानों को 20,000 रुपए प्रति एकड़ के मान से फौरी मुआवजा दिया जाए, ताकि वे खाद और बीज की व्यवस्था कर सकें।