क्या भूपेंद्र चौधरी का महागठबंधन के वादों पर तंज है सही?
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन का घोषणापत्र 'बिहार का तेजस्वी प्रण' है।
- भूपेंद्र चौधरी ने वादों को अवास्तविक कहा।
- बिहार में नौकरी की स्थिति पर चिंता जताई गई।
बलिया, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने 'बिहार का तेजस्वी प्रण' शीर्षक से अपना साझा घोषणापत्र पेश किया है। इस पर उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसे वादे करना अवास्तविक है।
भूपेंद्र चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह केवल एक कल्पना है, ऐसे वादे करना अवास्तविक है। 'घर-घर नौकरी' का दावा करना, जहां बिहार में लगभग 2.5 करोड़ परिवार हैं, यह आंकड़ा सही नहीं है। बिहार की 13 से 14 करोड़ की जनसंख्या को देखते हुए यह संभव नहीं लगता।"
उन्होंने बताया कि वर्तमान में बिहार में लगभग 18 से 20 लाख लोग सरकारी नौकरी में हैं। अगर तेजस्वी यादव को सभी परिवारों को नौकरी देनी है, तो 2.25 करोड़ नई भर्तियां करनी होंगी। बिहार सरकार का बजट इतना नहीं है कि इतनी बड़ी संख्या में भर्तियां की जा सकें। यह सिर्फ हवाई बातें हैं।
भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव लोगों को गुमराह करने के लिए झूठे वादे कर रहे हैं। अब प्रदेश की जनता भी समझ रही है कि इनकी सरकार नहीं आ रही है।
उन्होंने तेजस्वी यादव के परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता ने 1990 से 2005 तक जंगलराज देखा है। उस समय इनके परिवार का शासन था। उस समय जातीय दंगे और नरसंहार की घटनाएं हुई थीं।
भूपेंद्र चौधरी ने याद दिलाया कि जब लालू यादव केंद्रीय मंत्री बने, तो उनके घोटाले का इतिहास बना। नौकरी के बदले जमीन देने का मामला जनता कभी नहीं भूल सकती। अब जनता का विश्वास इनसे उठ चुका है।