क्या हम पवित्र बुद्ध अवशेषों को भूटान से भारत वापस लाने पर गर्व महसूस कर सकते हैं? : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

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क्या हम पवित्र बुद्ध अवशेषों को भूटान से भारत वापस लाने पर गर्व महसूस कर सकते हैं? : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

सारांश

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भूटान से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भारत लाने पर गर्व व्यक्त किया है। इस ऐतिहासिक घटना ने भारत और भूटान के बीच आध्यात्मिक जुड़ाव को और मजबूत किया है। जानें इस खास प्रदर्शनी के बारे में और कैसे यह हमारे सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करता है।

Key Takeaways

  • केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का भूटान से अवशेष लाने पर गर्व।
  • भूटान में १७ दिन की प्रदर्शनी का आयोजन।
  • भारत और भूटान के बीच आध्यात्मिक संबंध को प्रगाढ़ करता है।
  • भूटान के राजा ने इस प्रदर्शनी के लिए विशेष इंतजाम किए।
  • प्रधानमंत्री मोदी का योगदान सराहनीय।

नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भूटान से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भारत लाने की खुशी व्यक्त की है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि ये अवशेष बेहद विशेष हैं और भूटान में १७ दिन तक चलने वाले प्रदर्शनी का समय इंटरनेशनल शांति प्रार्थना और भूटान के चौथे राजा के जन्मदिन के साथ मेल खाता है।

उन्होंने कहा कि भूटान के लोग पवित्र बुद्ध के अवशेषों को लाए जाने से बहुत खुश हैं। भूटान के राजा ने उनके सही प्रदर्शन के लिए व्यक्तिगत इंतजाम किए ताकि स्थानीय लोग और पर्यटक कोई कठिनाई न अनुभव करें।

भूटान के राजा ने केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि पूरा शाही परिवार, सरकार और भूटान के सभी नागरिक प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभारी हैं, जिन्होंने अवशेषों को ७ दिन से बढ़ाकर १७ दिन तक प्रदर्शित किया। यह भारत और भूटान के लोगों के बीच एक गहरा आध्यात्मिक संबंध दर्शाता है।

रिजिजू ने एक्स पर लिखा कि भूटान में १७ दिनों की प्रदर्शनी के बाद पवित्र बुद्ध अवशेषों को वापस लाने पर उन्हें गर्व है। भूटान की गहरी श्रद्धा भारत और भूटान के लोगों के बीच सद्भाव को प्रेरित करती है।

उन्होंने भूटान की यात्रा के दौरान अवशेषों की विशेष व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री मोदी और उनकी टीम, केंद्रीय मठ निकाय, भिक्षुओं और भूटान की शाही सरकार का धन्यवाद किया।

गौरतलब है कि भूटान ने मंगलवार सुबह पारंपरिक प्रार्थना और समारोह के साथ थिम्पू के ग्रैंड कुएनरे हॉल में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को विदाई दी।

इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, सेंट्रल मॉनेस्टिक बॉडी के लेत्शोग लोपेन, भूटान के गृह और स्वास्थ्य मंत्री तथा भारत और भूटान के सम्मानित भिक्षु उपस्थित रहे।

Point of View

बल्कि यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रगाढ़ करती है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का यह कदम एक सकारात्मक संदेश देता है। भारत और भूटान की मित्रता को और मजबूत करने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भूटान से भारत कब लाया गया?
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को २५ नवंबर को भूटान से भारत लाया गया।
इस प्रदर्शनी का महत्व क्या है?
यह प्रदर्शनी भारत और भूटान के बीच आध्यात्मिक जुड़ाव और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है।
भूटान के राजा ने इस प्रदर्शनी को लेकर क्या कहा?
भूटान के राजा ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह प्रदर्शनी भूटान के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
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