क्या दुष्कर्म मामले में कांग्रेस विधायक राहुल ममकूटाथिल ने अग्रिम जमानत मांगी?
सारांश
Key Takeaways
- दुष्कर्म मामले में कांग्रेस विधायक का नाम आया है।
- एसआईटी का गठन किया गया है।
- राहुल ने आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है।
- अग्रिम जमानत याचिका पर अदालत का फैसला आना बाकी है।
- पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
तिरुवनंतपुरम, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) - दुष्कर्म के आरोपों में नामजद होने के बाद, पालक्काड़ से कांग्रेस विधायक राहुल ममकूटाथिल ने शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। इस बीच, आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, केरल पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का निर्णय लिया है।
याचिका में राहुल ममकूटाथिल ने कहा है कि शिकायतकर्ता के साथ उनकी लंबे समय से मित्रता है और उन्होंने दुष्कर्म और जबरन गर्भपात के सभी आरोपों को नकारा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक साजिश है, जिसका उद्देश्य उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना है।
उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि वह जांच में पूर्ण सहयोग देने के लिए तैयार हैं और उन्होंने हमेशा यही रुख अपनाया है।
पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए, तिरुवनंतपुरम सिटी पुलिस कमिश्नर थॉमस जॉस की निगरानी में एक उच्चस्तरीय एसआईटी का गठन करने का निर्णय लिया है। इसमें एक उप पुलिस आयुक्त (डीसीपी) और एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) शामिल होंगे। अधिकारियों की अंतिम सूची जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। इस संबंध में आदेश कानून-व्यवस्था विंग के एडीजीपी द्वारा शुक्रवार शाम तक जारी करने की संभावना है।
मामला तिरुवनंतपुरम ग्रामीण पुलिस के अंतर्गत शुरू हुआ था, लेकिन चूंकि कथित घटना नेमम पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुई, इसलिए एफआईआर को वहाँ स्थानांतरित कर दिया गया। नेमम पुलिस ने शिकायतकर्ता का गोपनीय बयान भी दर्ज कर लिया है।
घटना के खुलासे के बाद, अगस्त में राहुल को युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और पार्टी ने उन्हें निलंबित भी कर दिया।
राहुल के वकीलों ने याचिका में कहा है कि पुलिस की असामान्य तेज़ी राजनीतिक दबाव का संकेत देती है और कानूनी प्रक्रिया को जानबूझकर तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
दिन में पहले, पुलिस ने राहुल ममकूटाथिल के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया। अब सभी की नज़रें अदालत में अग्रिम जमानत याचिका पर होने वाले निर्णय और एसआईटी की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।