क्या बिहार में छात्रों ने स्वयं सहायता भत्ता योजना की सराहना की?

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं के लिए आर्थिक समर्थन
- आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
- शिक्षा का निरंतरता
- सकारात्मक बदलाव का अवसर
- छात्रों की राय महत्वपूर्ण है
शेखपुरा, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बेरोजगारी को समाप्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार में मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का विस्तार करने की घोषणा की, जिससे स्नातक पास छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा।
इस योजना का उद्घाटन करते समय शेखपुरा जिले के डीआरसीसी परिसर में बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे और प्रधानमंत्री का संबोधन लाइव देखा। इस अवसर पर डीडीसी संजय कुमार समेत कई अधिकारी भी मौजूद थे।
जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) के प्रबंधक रंजीत भगत ने जानकारी दी कि इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिलकर किया। इस योजना के तहत 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को, जो बिहार के निवासी हैं और जिन्होंने 12वीं की परीक्षा बिहार से पास की है, प्रतिमाह एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह सहायता अधिकतम दो वर्षों तक मिलेगी और इसे वापस नहीं करना होगा। हालांकि, एमए के छात्र और नौकरीपेशा युवा इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे।
इस योजना को लेकर छात्र-छात्राओं में उत्साह देखा गया। बीए प्रथम वर्ष की छात्रा सुमन कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना स्नातक पास युवाओं के लिए एक बड़ी राहत है। एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलने से आर्थिक तंगी झेल रहे मेधावी छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे।
12वीं पास अंजली ने कहा कि सरकार ने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। कई बार मेधावी छात्र आवेदन शुल्क की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं, लेकिन इस योजना से अब गरीब छात्र भी आत्मनिर्भर बन सकेंगे और आगे की पढ़ाई या रोजगार के लिए प्रयास कर पाएंगे।
कार्यक्रम में मौजूद एक अन्य छात्रा ने कहा, “मैं स्नातक के प्रथम वर्ष की छात्रा हूं। सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि से छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे। प्रधानमंत्री मोदी छात्रों के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं। इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।”