क्या निर्वाचन आयोग ने बिहार चुनाव 2025 के लिए प्रिंट विज्ञापनों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए?

सारांश
Key Takeaways
- प्रिंट विज्ञापनों के लिए सख्त दिशानिर्देश लागू हुए हैं।
- मतदान की तारीखें 6 और 11 नवंबर निर्धारित की गई हैं।
- पूर्व-प्रमाणन के लिए आवेदन की प्रक्रिया सरल है।
- स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी दिशानिर्देशों को लागू करेंगे।
- नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के लिए प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों के लिए कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं।
यह पहल निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए उठाई गई है। आयोग ने मतदान की तिथियों को 6 नवंबर (गुरुवार) और 11 नवंबर (मंगलवार) के रूप में निर्धारित किया है, जो दो चरणों में संपन्न होंगे। इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत चुनाव प्रचार के दौरान अनुचित प्रभाव से बचने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
आयोग के अनुसार, कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में विज्ञापन नहीं प्रकाशित कर सकता, जब तक कि उसकी सामग्री को राज्य या जिला स्तर की मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व-प्रमाणन प्राप्त न हो। बिहार में यह प्रतिबंध पहले चरण के लिए 5 और 6 नवंबर को, जबकि दूसरे चरण के लिए 10 और 11 नवंबर 2025 को लागू होगा। यह कदम मतदाताओं को गलत जानकारी से बचाने और निष्पक्ष माहौल बनाने के लिए उठाया गया है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जो लोग प्रिंट विज्ञापनों के लिए पूर्व-प्रमाणन चाहते हैं, उन्हें विज्ञापन प्रकाशन की प्रस्तावित तारीख से कम से कम दो दिन पहले एमसीएमसी में आवेदन करना होगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई विज्ञापन 6 नवंबर को प्रकाशित होना है, तो 4 नवंबर तक आवेदन जमा करना आवश्यक है।
आयोग ने बताया कि राज्य और जिला स्तर पर एमसीएमसी को सक्रिय कर दिया गया है। ये समितियां विज्ञापनों की जांच तेजी से करेंगी और जल्द से जल्द निर्णय लेंगी ताकि प्रक्रिया में कोई देरी न हो।
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से इन नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिहार में आगामी चुनावों को स्वच्छ और निष्पक्ष बनाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी इन दिशानिर्देशों को लागू करने में सहयोग करेंगे। मतदाताओं से अपील की गई है कि वे जागरूक रहें और किसी भी अनुचित प्रचार की शिकायत तुरंत निर्वाचन आयोग से करें।