क्या बिहार चुनाव 2025 में प्राचीन संस्कृति और धरोहर की धरती राजगीर में होगी दिलचस्प चुनावी लड़ाई?

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क्या बिहार चुनाव 2025 में प्राचीन संस्कृति और धरोहर की धरती राजगीर में होगी दिलचस्प चुनावी लड़ाई?

सारांश

क्या बिहार चुनाव 2025 में राजगीर की प्राचीन संस्कृति और धरोहर के बीच दिलचस्प चुनावी लड़ाई देखने को मिलेगी? जदयू के कौशल किशोर, महागठबंधन के विश्वनाथ चौधरी और जन स्वराज पार्टी के सत्येंद्र कुमार के बीच रोमांचक मुकाबला होने की संभावना है।

Key Takeaways

  • राजगीर विधानसभा सीट का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है।
  • जदयू ने 2015 में जीत हासिल की थी और अब हैट्रिक की कोशिश में है।
  • राजगीर में कुर्मी और यादव मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • यहां के प्रमुख स्थल पर्यटन और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।
  • राजगीर की चुनावी लड़ाई बिहार की राजनीति पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है।

पटना, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजगीर विधानसभा सीट नालंदा लोकसभा क्षेत्र में स्थित है और यह 1957 से अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है। इस सीट में राजगीर नगर परिषद, पावापुरी नगर पंचायत और गिरियक प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं। अब तक 16 बार हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नौ बार जीत हासिल की है, जिसमें दो बार भारतीय जनसंघ के रूप में शामिल रही है।

कांग्रेस, सीपीआई और जदयू ने दो-दो बार जीत दर्ज की है, जबकि जनता पार्टी ने एक बार जीत हासिल की है। 2015 के चुनाव में जदयू के रवि ज्योति कुमार ने भाजपा प्रत्याशी सत्यदेव नारायण आर्य को हराया था। वहीं 2020 में रवि ज्योति कुमार ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

जदयू के कौशल किशोर ने उन्हें पराजित किया। इस चुनाव में जदयू के सामने जीत की हैट्रिक लगाने का अवसर है।

राजगीर में कुर्मी और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जबकि राजपूत, मुस्लिम और भूमिहार भी महत्वपूर्ण हैं। राजगीर की प्राकृतिक और ऐतिहासिक सुंदरता के बीच, यह अपनी प्राचीन संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

पांच पहाड़ियों से घिरा यह नगर लगभग 4000 साल पुरानी इतिहास को समेटे हुए है। प्राचीन काल में 'राजगृह' के नाम से जाना जाने वाला राजगीर हर्यंक, प्रद्योत, बृहद्रथ और मगध साम्राज्य जैसे शक्तिशाली राजवंशों की राजधानी रहा।

हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए यह एक पवित्र तीर्थस्थल है। महाभारत में राजगीर को जरासंध का साम्राज्य बताया गया है, जिसका युद्धस्थल आज 'जरासंध अखाड़ा' के नाम से जाना जाता है।

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम अपने भाइयों के साथ जनकपुर यात्रा के दौरान राजगीर आए थे। हर्यंक वंश के राजा बिम्बिसार और उनके पुत्र अजातशत्रु ने यहीं से मगध साम्राज्य पर शासन किया। बाद में अजातशत्रु के पुत्र उदायिन ने राजधानी को पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) स्थानांतरित किया। राजगीर का ब्रह्मकुंड, सात गर्म जलस्रोतों का संगम, धार्मिक और औषधीय महत्व रखता है। माना जाता है कि यहां स्नान करने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है।

राजगीर में अजातशत्रु किला, वेणुवन, विश्व शांति स्तूप, गृद्धकूट पर्वत, जरासंध अखाड़ा, सोन भंडार गुफाएं, सप्तपर्णी गुफा, पांडू पोखर, जापानी मंदिर और आकाशीय रज्जू मार्ग जैसे प्रमुख स्थल पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। फिलहाल, राजगीर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक अहम विधानसभा क्षेत्र बन चुका है, जो समय-समय पर बिहार की राजनीति में अपनी छाप छोड़ता है। इस बार चुनाव में यहां से जदयू ने कौशल किशोर, महागठबंधन में शामिल भाकपा-माले ने विश्वनाथ चौधरी और जन स्वराज पार्टी ने सत्येंद्र कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।

Point of View

जो अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि के लिए जाना जाता है, अब राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। यहाँ के चुनाव परिणाम न केवल स्थानीय राजनीति पर असर डालेंगे, बल्कि यह बिहार की समग्र राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखेंगे।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

राजगीर विधानसभा सीट किसके लिए आरक्षित है?
यह सीट 1957 से अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है।
कौन से प्रमुख राजनीतिक दल राजगीर में चुनाव लड़ रहे हैं?
जदयू, महागठबंधन में भाकपा-माले और जन स्वराज पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
राजगीर का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
राजगीर प्राचीन काल में कई शक्तिशाली राजवंशों की राजधानी रहा है और यह हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है।
राजगीर में प्रमुख पर्यटन स्थल कौन से हैं?
यहां अजातशत्रु किला, विश्व शांति स्तूप, गृद्धकूट पर्वत और जरासंध अखाड़ा जैसे कई प्रमुख स्थल हैं।
राजगीर का ब्रह्मकुंड क्यों प्रसिद्ध है?
ब्रह्मकुंड का धार्मिक और औषधीय महत्व है, जहां स्नान करने से कई रोगों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।