क्या बिहार चुनाव में गौराबौराम सीट पर वीआईपी ने राजद से निष्कासित प्रत्याशी को समर्थन दिया?
सारांश
Key Takeaways
- वीआईपी ने राजद से निष्कासित प्रत्याशी को समर्थन दिया।
- महागठबंधन में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई है।
- नामांकन वापस न लेने पर राजद ने अफजल खान को निष्कासित किया।
- यह चुनावी लड़ाई महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए है।
- यह घटनाक्रम एनडीए को लाभ पहुँचा सकता है।
पटना, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों के 121 विधानसभा क्षेत्रों में मंगलवार की शाम को चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। इस चरण के सभी सीटों पर मतदाता छह नवंबर को अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इसी बीच, दरभंगा जिले के गौराबौराम विधानसभा सीट पर महागठबंधन के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राजद से निष्कासित प्रत्याशी अफजल खान को वीआईपी ने समर्थन प्रदान किया है।
विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी ने मंगलवार को गौराबौराम सीट से अपने प्रत्याशी संतोष सहनी को राजद प्रत्याशी मोहम्मद अफजल अली खान के समर्थन में घोषणा करते हुए खुद को इस लड़ाई से अलग कर लिया। बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने बताया कि प्रारंभिक चरण में इस विधानसभा क्षेत्र से राजद और वीआईपी के प्रत्याशी ने नामांकन किया था। कई बार राजद प्रत्याशी को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे नहीं माने। अंततः आज वीआईपी के प्रत्याशी संतोष सहनी ने बड़े दिल के साथ राजद प्रत्याशी के समर्थन में अपनी लड़ाई समाप्त कर दी।
उन्होंने कहा कि यदि दोनों उम्मीदवार चुनावी मैदान में रहते तो इसका लाभ एनडीए को मिलना तय था। यह एक बड़ी लड़ाई है, जो किसी एक विधायक को जीताने की नहीं, बल्कि महागठबंधन की सरकार बनाने की है। इससे पहले सोमवार को राजद ने गौराबौराम विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी मोहम्मद अफजल अली को नामांकन वापस नहीं लेने पर छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने सोमवार को आदेश जारी कर अफजल अली को पार्टी से निष्कासित करते हुए कहा कि दरभंगा जिले के 79, गौराबौराम विधानसभा सीट महागठबंधन के आपसी समन्वय के आधार पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को देने का निर्णय लिया गया है। गौराबौराम विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में संतोष सहनी, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को समर्थन प्राप्त है।
राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार मोहम्मद अफजल अली खां से भी महागठबंधन धर्म का पालन करते हुए पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का सम्मान रखने की अपेक्षा की गई थी, लेकिन पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय की अवहेलना करते हुए उन्होंने एनडीए गठबंधन को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से अपना नामांकन वापस नहीं लिया। इसके बाद पार्टी की ओर से अफजल अली खां को हठधर्मिता एवं नेतृत्व के निर्णय के खिलाफ आचरण के कारण उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है।