क्या बिहार चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में सीटों का बंटवारा जल्द होगा?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन में सीट बंटवारे की चर्चा तेज है।
- दीपांकर भट्टाचार्य का बयान महत्वपूर्ण है।
- कानून-व्यवस्था पर सरकार की आलोचना।
- मतदाता सूची पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
- 2024 की मतदाता सूची के आधार पर चुनाव की मांग।
पटना, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल तेजी दिखा रहे हैं। ऐसे में, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा काफी गर्म है।
भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने इस विषय पर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सीट बंटवारे का मुद्दा जल्द ही सुलझ जाएगा। समन्वय समिति का गठन किया गया है, जो सभी चुनावी कार्यों को तेज गति से आगे बढ़ा रही है। उनका मानना है कि सीटों का वितरण जल्दी स्पष्ट होगा। वर्तमान में, हमारा ध्यान 'वोटबंदी' के मुद्दे पर है, जिसका हम हर हाल में विरोध कर रहे हैं। बिहार की जनता का वोट का अधिकार किसी भी हाल में नहीं छीना जाना चाहिए।
बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर दीपांकर ने राज्य की डबल इंजन सरकार पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "सरकार कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर पूरी तरह विफल रही है। यह सरकार अपराधियों के लिए, अपराधियों द्वारा और अपराधियों की सरकार बन चुकी है। अपराधियों को दंड नहीं मिलता, जिससे वे बेखौफ हैं और जनता परेशान है।"
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकेगी और महागठबंधन की सरकार सत्ता में आएगी।
इसके अलावा, बीएलओ द्वारा दी गई मतदाता सूची पर दीपांकर भट्टाचार्य ने गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीएलओ पर अत्यधिक कार्यभार है और आम जनता परेशान है। उन्होंने इस रिपोर्ट पर संदेह जताया और कहा कि अचानक यह दावा कि बिहार के गांवों में म्यांमार और बांग्लादेश से लोग आ गए हैं, पूरी तरह से झूठा है। यह जनता को गुमराह करने की साजिश है।
दीपांकर ने आगे कहा कि 2024 की मतदाता सूची के आधार पर ही चुनाव होना चाहिए, जिस पर लोकसभा चुनाव हुए हैं। अब अचानक बिहार के मतदाता म्यांमार और बांग्लादेश के कैसे हो गए?