क्या बिहार चुनाव में मिली सफलता पर पशुपति कुमार पारस ने भतीजे चिराग पासवान को बधाई दी?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए ने 202 सीटें जीतीं।
- महागठबंधन को 35 सीटों पर संतोष करना पड़ा।
- चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) ने 19 सीटें हासिल कीं।
- पशुपति कुमार पारस ने चिराग को बधाई दी।
- चुनाव के परिणामों ने राजनीतिक समीकरण को प्रभावित किया।
पटना, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) की मिली जीत पर राष्ट्रीय लोकजन शक्ति पार्टी (रालोजपा) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान को बधाई दी है।
बिहार चुनाव में एनडीए ने प्रचंड बहुमत प्राप्त किया है। 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए ने 202 सीटें प्राप्त की हैं, जबकि महागठबंधन को केवल 35 सीटों पर संतोष करना पड़ा। इस दौरान चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को भी 19 सीटें मिली हैं।
लोजपा (रामविलास) की इस सफलता पर पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान को बधाई दी।
पशुपति कुमार पारस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मेरे भतीजे, केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को बिहार विधान सभा 2025 में मिली शानदार जीत के लिए बधाई और शुभकामनाएं।
बीजेपी ने बिहार की 243 सीटों में से सबसे ज्यादा 89 सीटें जीती हैं। सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड को 85 सीटें मिली हैं।
एनडीए में शामिल चिराग पासवान की पार्टी को 19 सीटें मिली हैं। राज्य में लोजपा (रामविलास) ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 19 सीटें उसके खाते में आई हैं।
गौरतलब है कि चिराग पासवान की पार्टी ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में 100 प्रतिशत की शानदार जीत हासिल की थी, जिसमें उसने अपनी सभी छह सीटों पर जीत हासिल की थी।
2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान ने सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद के बाद अकेले चुनाव लड़ा था।
हालांकि लोजपा (रामविलास) ने 137 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इसमें से केवल एक सीट ही जीत पाई, लेकिन यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जेडी(यू) वोट बैंक को काटने में सफल रही, जिससे 2015 में इसकी सीटें 71 से घटकर केवल 43 रह गई थीं।
हाल ही संपन्न हुए बिहार चुनाव में जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) को पांच सीटें मिली हैं। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा चार सीटें जीतने में सफल रही।
राष्ट्रीय जनता दल का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। महागठबंधन का नेतृत्व कर रही पार्टी को सिर्फ 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।
सहयोगी दल कांग्रेस को छह सीटें मिली हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन को दो सीटें मिलीं, जबकि असदुद्दीन औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम पांच सीटें जीतने में कामयाब रही। इंडियन इन्क्लुसिव पार्टी, माकपा और बहुजन समाज पार्टी को एक-एक सीट मिली है।